13/04/2010 परंपरागत कानूनों में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं
जींद। खाप पंचायत के खिलाफ कड़े अदालती फैसले के 14 दिन बाद ही खाप पंचायतें लामबंद हो गई हैं। 13 अप्रैल यानी आज चंडीगढ़ से महज 100 किलोमीटर दूर कुरुक्षेत्र में खाप पंचायतों की महापंचायत होने जा रही है जिसका मकसद खाप को जिन्दा रखना और कानून व्यवस्था के खिलाफ एकजुट होना है। इस महापंचायत में करीब 20 खाप पंचायतें शामिल होगीं। खाप नेताओं का कहना है कि वे एक पैनल बनाएंगें जिसका काम 'परंपराओं को बचाना होगा। खाप पंचायत के फैसले के खिलाफ 30 मार्च को करनाल की एक अदालत ने फैसला दिया था जिसमें हत्या के सात दोषियों को मौत की सजा का फैसला अदालत ने किया था। इसी फैसले के विरोध में यह महापंचायत की जा रही है। खाप नेताओं का कहना है कि जिन दोषियों को अदालत ने मौत की सजा दी है उनके परिवार को खाप की ओर से आर्थिक मदद दी जाएगी और उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा। खुलेआम अदालती फैसले का विरोध करते हुए कोरादा के खाप प्रेजिडेंट अभय राम का कहना था कि जो लोग खाप का विरोध कर रहे हैं, वे अछूत हैं और उनका बहिष्कार किया जाना चाहिए। मंगलवार को होने वाली महापंचायत में विभिन्न गोत्र के लिए लीगल एडवाइजरी कमिटी का गठन किया जाएगा। इसके अलावा कई प्रस्ताव पारित कर उन्हें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास भेजा जाएगा। सूत्रों के अनुसार खाप पंचायतें समान गोत्र के लड़के-लड़की के विवाह के खिलाफ है और विभिन्न राज्यों की पंचायतों ने इस प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने के मकसद से तमाम प्रेमी युगलों को मौत की सजा दी है। हाल ही में मनोज बबली हत्याकांड में आए कोर्ट के फैसले ने उन्हें सबक तो सिखा दिया है। इसके साथ ही तमाम खाप पंचायतों में दहशत पैदा हो गई है। अलबत्ता खाप पंचायतों की यह मांग जरूर है कि समान गोत्र में होने वाले विवाह को बंद करने के लिए हिंदू मैरिज ऐक्ट में संशोधन किया जाना चाहिए। इन्हें भी पढ़ें सोमवार को जींद में खाप नेताओं की एक बैठक हुई जिसमें संविधान में संशोधन करने के लिए सरकार पर दबाव डालने की बात कही गई। जाति आधारित शादियों की परंपरा को बनाए रखने और इसकी खिलाफत करने वालों की हत्या तक का फैसला दे चुकी खाप पंचातय 'सर्व जातीय समाज सुरक्षा मंच बनाएगी। कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में होने जा रही महापंचायत में विभिन्न राज्यों की खाप पंचायतों के नेता शरीक होंगे। यूपी, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की विभिन्न खाप पंचायतों के नेता सोमवार देर शाम तक ही यहां पहुंच गए। इसमें में विभिन्न गोत्र के लिए लीगल अडवाइजरी कमिटी का गठन किया जाएगा। इसके अलावा कई प्रस्ताव पारित कर उन्हें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास भेजा जाएगा।
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