05/10/2012 कश्मीर पर पाकिस्तान को नहीं मिला रूस का साथ
इस्लामाबाद. संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर राग अलापने के बाद पाकिस्तान ने रूस के साथ द्विपक्षीय बातचीत में गुरुवार को इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की। लेकिन, रूस ने इस मामले में किसी भी तरह की भूमिका से इनकार करते हुए उसे जोरदार झटका दिया। इस्लामाबाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ मुलाकात में इस मसले को उठाने की कोशिश की।
इससे पहले सोमवार को महासभा में भारत-पाक के बीच इस मामले पर तीखी बहस हुई थी।बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए लावरोव ने कहा कि भारत और पाकिस्तान बिना किसी बाहरी मदद के द्विपक्षीय वार्ता के जरिए अपने मुद्दों को हल करने में सक्षम हैं। इसमें रूस की कोई भूमिका नहीं बनती है। उन्होंने कहा, हमने इस मुद्दे पर बातचीत की। परस्पर विश्वास बहाली को लेकर भारत और पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदमों का हम स्वागत करते हैं। दोनों बिना किसी विदेशी मदद के अपने परस्पर मुद्दों का समाधान निकालने में सक्षम हैं। रूसी विदेश मंत्री भारत और पाकिस्तान के बीच वर्तमान संपर्क को एक अच्छी प्रगति बताया। लावरोव ने अमेरिकी ड्रोन हमलों को लेकर पाकिस्तान के रुख का समर्थन करते हुए इसे संप्रभुता का उल्लंघन करार दिया। इसके अलावा अफगानिस्तान, सीरिया और लीबिया के हालात व ईरान के परमाणु कार्यक्रम जैसे मुद्दों पर भी उन्होंने पाकिस्तान का समर्थन किया। वहीं, ड्रोन हमलों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में खर ने कहा,यदि ड्रोन हमलों का लक्ष्य आतंकवाद को खत्म करना है तो पाकिस्तान उनका समर्थन करता है। लेकिन, इसके लिए वैध और कानूनी तरीके अपनाए जाने चाहिए। प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले रास्तों का हम विरोध करते हैं। ड्रोन हमले हमारी संप्रभुता का उल्लंघन हैं।
|