01/10/2012 सेट टॉप बॉक्स पर अड़ी सरकार, बढ़ी परेशानी
नई दिल्ली।। दिल्ली सरकार ने ठान लिया है कि वह हर हाल में 31 अक्टूबर तक सभी घरों में सेट टॉप बॉक्स लगाकर रहेगी, ताकि लोग डिजिटल टीवी का 'मजा' ले सकें। लेकिन सरकार के इस अभियान ने लोगों के सामने खासी परेशानी खड़ी कर दी है। सेट टॉप बॉक्स को लेकर उन पर दबाव डाला जा रहा है, मनपसंद चैनल उड़ाए जा रहे हैं। इस बॉक्स के लिए मनमाने दाम भी वसूले जा रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस बॉक्स के चक्कर में बिजली का बिल एक बार फिर बढ़ने की आशंका है। वैसे सरकार दावा कर रही है कि सारी परेशानियां सुलझा ली जाएंगी, पहले इस बॉक्स को तो लग जाने दो।
कुछ दिन पहले तक सेट टॉप बॉक्स के लिए 800 रुपये और इंस्टॉलेशन के लिए 100 रुपये लिए जा रहे हैं। लेकिन अब यह रेट दोगुना हो चुका है। खास बात यह भी है कि इस बॉक्स के लगने के बाद लोग उसके मालिक नहीं कहलाएंगे। लोगों से जिस एग्रीमेंट पर साइन करवाए जा रहे हैं, उसमें बताया जा रहा है यह बॉक्स उन्होंने किराए पर लिया है। आरोप यह भी लग रहा है कि इस बॉक्स को ठीक करने के लिए अभी तक ऑपरेटरों की ओर से सर्विस सेंटर तक नहीं खोले गए हैं, यानी बॉक्स खराब हो जाए तो उसे ठीक कौन करवाएगा? लोगों का खर्च भी बढ़ेगा केबल ऑपरेटर फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सरकार को बताया है कि इस बॉक्स पर 18 से 20 वॉट तक बिजली खर्च होगी। यानी जो लोग 200 यूनिट तक बिजली की खपत कर बिल में सब्सिडी लेते हैं, वे अब इस सब्सिडी को शायद ही ले पाएं। अब हर घर का बिजली का बिल बढ़ जाएगा। इस बॉक्स के लगने के बाद लोगों का हर माह का खर्च बढ़ जाएगा और उन्हें हर माह एक बॉक्स के लिए अलग से 20 रुपये का टैक्स भी अदा करना होगा। फेडरेशन ने सरकार को यह भी बताया है कि चीन व ताइवान से इंपोर्ट किए जाने वाले इन बॉक्स की क्वॉलिटी बहुत खराब है और रात में प्रसारण बुरी तरह गड़बड़ा रहा है। फेडरेशन का आरोप है कि प्रसारण इसलिए गड़बड़ा रहा है, क्योंकि बडे़ ऑपरेटर सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए पैसा ही नहीं खर्च कर रहे हैं। दिल्ली में पुरानी तकनीक एमपीइजी-2 सरकार की ओर से दावा किया गया था कि बॉक्स लगने के बाद लोगों को विडियो इन डिमांड, ब्रॉडबैंड और टेलिफोन केबल (ट्रिपल प्ले) की सुविधा मिलेगी, लेकिन अभी तक उसे सिर्फ विडियो की ही सुविधा मिल रही है। फेडरेशन की चेयरमैन रूप शर्मा के अनुसार टीवी प्रसारण में पूरे विश्व में एमपीइजी-4 तकनीक अपनाई जा रही है लेकिन देश और दिल्ली में एमपीइजी-2 जैसी पुरानी तकनीक को अपनाया जा रहा है। इतना ही नहीं इस बॉक्स को लगाने के लिए ट्रेंड स्टाफ नहीं रखा जा रहा है, जिससे सभी को डिजिटल प्रसारण नहीं मिल पा रहा है। दूसरी ओर सरकार के राजस्व विभाग का कहना है कि पहला मकसद टीवी प्रसारण को डिजिटल करना है, बाकी समस्याएं तो बाद में हल कर ली जाएंगी। बॉक्स के रेट पर विभाग का कहना है कि वह मार्केट फोर्स पर निर्धारित हो रहा है। विभाग का यह भी कहना है कि अगर लोगों को कोई परेशानी है तो वह अपने इलाके के एसडीएम व एडीएम से शिकायत कर सकते हैं।
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