22/09/2012 आयकर विभाग के निशाने पर विदेशी बैंक और ब्रोकर
रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के मामले में आयकर विभाग मामले में कुछ विदेशी बैंकों और वित्तीय ब्रोकरों की जांच कर रहा है. यह बैंक बड़े पैमाने पर अवैध रूप से ऊंचा रिटर्न देने वाले निवेश कार्यक्रमों को चला रहे थे. निजी नियोजन कार्य्रकम पीपीपी वाली इस योजना में बहुत ही कम समय में आश्चर्यजनक रुप से ऊंचे रिटर्न की गारंटी दी जाती है. आयकर विभाग इस कथित कर अपराध के मामले में बीते दो साल के दौरान 800 करोड़ रुपये की कर चोरी का संदेह कर रहा है. जानकार सूत्रों का कहना है कि विभाग को इस तरह की योजनाओं के प्रति आगाह किया गया था जो कुछ निजी कंपनियां और विदेशी बैंक चला रहे हैं. केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो सहित कुछ आर्थिक खुफिया एजेंसियों ने इस बारे में पिछले साल सूचनाएं दी थीं.
भारतीय रिजर्व बैंक और कर कानूनों के अनुसार इस तरह के निवेश चैनल में निजी नियोजन कार्यक्रम की अनुमति नहीं हैं और कोई भी निवेश रिटर्न कार्यक्रम केवल इन एजेंसियों से मंजूरी के बाद ही चलाया जा सकता है. सूत्रों ने कहा, जांच चल रही है. विभाग साक्ष्य जुटा रहा है इसलिए मामले में नाम और पहचान का खुलासा नहीं किया जा सकता. पीपीपी के तहत ब्रोकर बैंक खाता धारक को एफडी गिरवी रखने पर छोटी अवधि के लिए भी 200-300 प्रतिशत रिटर्न की पेशकश करता है. इससे मिले ऊंचे रिटर्न का उपयोग दूसरी जगह निवेश में किया जाता है. इस तरह की योजनाओं में इस्तेमाल होने वाली एफडी करोड़ों रुपये मूल्य की होती हैं. संबंधित बैंक खाताधारक को लैटर ऑफ क्रेडिट जारी करता है और नकदी या एफडी को किसी अन्य निवेश उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
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