09/04/2010 मोहब्बत के प्रतीक ताज से बिछड़ीं यमुना की लहरें
प्यार की अनमोल विरासत ताजमहल के संरक्षण की जिम्मेदारी संभाल रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ही ताज से उसकी ऐसी खूबसूरती छीन ली जो अब शायद ही उसे वापस की जा सके।
आगरा। प्यार की अनमोल विरासत ताजमहल के संरक्षण की जिम्मेदारी संभाल रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ही ताज से उसकी ऐसी खूबसूरती छीन ली जो अब शायद ही उसे वापस की जा सके। उसे यमुना की लहरों से दूर कर दिया। कभी ताज की पिछली दीवार से लगी यमुना की लहरें ताज की खूबसूरती में चार चाँद लगाया करती थीं। एएसआई ने यमुना और ताज के बीच की दूरी को पाटने के बजाए उसे हमेशा के लिए बढ़ा देने का पक्का इंतजाम कर दिया। हाल ही में ताज परिसर में एक प्रदर्शनी लगाई गई। इस प्रदर्शनी के एक फोटोग्रॉफ से पता चला के जहाँ पर अब एक बागीचा बना हुआ है वहाँ कभी यमुना की लहरें हिलोरें मारती थी। ताज के पीछे की दीवार पर बैठ कर लोग नीचे यमुना में अपना अक्स देखा करते थे। चाँदनी रात में यमुना में ताजमहल को निहारना एक अलग ही अनुभव हुआ करता था। इसी तरह यमुना में नाव पर सवार होकर चाँदनी रात में ताज के दीदार का भी लुत्फ ही अलग था। लेकिन अब एएसआई ने ताज के पीछे यमुना को पाट कर करीब दस फुट ऊँचा बगीचा तैयार करवा दिया। प्रदर्शनी में लगे एक फोटोग्रॉफ में आज जहाँ बगीचा है वहाँ 1936-37 में मिट्टी और सिल्ट हटाने का कम होता दिखाया गया है। इसी बगीचे ने ताज को यमुना से दूर कर दिया। एएसआई ने इस बगीचे को 2003 में बनवा दिया। इसका नतीजा ये हुआ के ताज के पिछले हिस्से में दो बुर्जियों पर बना एक गेट भी बंद हो गया।
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