16/08/2012 भ्रष्टाचार मामले में नेपाल के पूर्व मंत्री को जेल
काठमांडू/भ्रष्टाचार मामले में पांच वर्ष पुराने एक फैसले को पलटते हुए नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने देश के पूर्व गृह मंत्री को 18 महीने की सजा सुनाई।मंगलवार को शीर्ष अदालत ने पूर्व गृह मंत्री खुम बहादुर खादका पर 94 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट के अधिकारियों के अनुसार, अदालत ने जुर्माने की राशि के बराबर उनकी संपत्ति जब्त करने का भी आदेश दिया है। विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के नेता खादका के खिलाफ यह फैसला कड़ी सुरक्षा के बीच सुनाया गया। दरअसल अधिकारियों को डर था कि कोर्ट परिसर में जमा हुए खादका समर्थक कहीं बड़ा हंगामा न खड़ा कर दें। गौरतलब है कि खादका पर अपने मंत्रालय पोर्टफोलियो का दुरुपयोग करते हुए नेपाली मुद्रा में 94 लाख रुपये जमा करने का आरोप था। यह धनराशि उन्होंने अपने वैध आय के स्रोतों से हटकर संचित की थी।
खास बात यह है कि इससे पहले विशेष कोर्ट ने खादका को इस मामले में बरी कर दिया था। इसके बाद दुरुपयोग की जांच के लिए गठित आयोग ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। बता दें कि खादका देश के चौथे पूर्व मंत्री हैं, जिन्हें भ्रष्टाचार के मामले में सजा हुई है। सजा पाने वाले ये सभी लोग नेपाली कांग्रेस की सरकार में मंत्री थे। इससे पहले कोर्ट ने चिरंजीवी वाघले, जयप्रकाश गुप्ता और गोविंद राज जोशी को दोषी पाया था और उन्हें जेल हुई। भट्टराई के काफिले को दिखाए काले झंडे नेपाल की प्रमुख विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस और यूएमएल समर्थकों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई के काफिले को काले झंडे दिखाए। काठमांडू विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने प्रधानमंत्री धूलीखेल जा रहे थे। इस दौरान बानेपा में उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। विपक्षी समर्थकों की योजना प्रधानमंत्री के काफिले को रोकने की थी। रास्ते में तीन जगहों पर पीएम को काले झंडे दिखाए गए। ये लोग पीएम के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। गौरतलब है कि भट्टराई काठमांडू विश्वविद्यालय के चांसलर हैं। विपक्षी पार्टियों के यूथ विंग के विरोध को देखते हुए सड़क पर भारी तादाद में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था।
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