अदालत ने इसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी को अदालत की अवमानना का दोषी क़रार दिया था और उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य क़रार दिया था, जिसके बाद उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था. यूसुफ़ रज़ा गिलानी पर आरोप था कि उन्होंने राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ दायर भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने के लिए स्विस अधिकारियों को पत्र न लिख कर अदालत की अवमानना की थी.
दो महीने पहले यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने अपने पद से इस्तिफ़ा दे दिया था और वरिष्ठ सांसद राजा परवेज़ अशरफ़ ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.
अदालत ने नए प्रधानमंत्री राजा परवेज़ अशरफ़ से भी जवाब तलब किया था कि उन्होंने राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ दायर भ्रष्टाचार के मामले खोलने के लिए स्विस अधिकारियों को पत्र क्यों नहीं लिखा है.
बुधवार को सुनवाई को दौरान अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में नए प्रधानमंत्री को भी काफ़ी समय दिया जा चुका है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण से अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है.
अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी का उल्लेख किया और कहा कि इस मामले में अदालती फैसलों पर अमल न करने पर उन्हें अयोग्य क़रार दिया गया था, जिसकी वजह से उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ा पड़ा था.
अदालत ने अफसोस जताया और कहा कि प्रधानमंत्री न तो अदालती फैसलों और आदेशों पर अमल कर रहे हैं और न ही इस संबंध में कोई जवाब दे रहे हैं.
ग़ौरतलब है कि राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ दायर भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने के लिए सरकार और न्यायपालिका के बीच मतभेद पिछले कई महीनों से चल रहे हैं.
इसी साल के पहले महीने में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी को राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने के लिए स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने के लिए कहा था.
अदालत में पेश किए गए जवाब में यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने कहा था कि आसिफ अली ज़रदारी जब तक राष्ट्रपति पद पर हैं, तब तक उनके ख़िलाफ़ कोई भी मामला नहीं चलाया जा सकता.
उन्होंने यह भी बताया था कि वह राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ दायर भ्रष्टाचार के मुकदमे फिर से खोलने के लिए स्विस अधिकारियों को पत्र नहीं लिखेंगे.
उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अदालत का फैसला न मानने पर प्रधानमंत्री गिलानी को दोषी करार दिया था और उन्हें सजा सुनाई थी.
उसके बाद पीपुल्स पार्टी के वरिष्ठ नेता राजा परवेज़ अशरफ़ ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी और अदालत ने उन से भी जवाब तलब किया था कि वह भी राष्ट्रपति आसि अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ दायर भ्रष्टाचार के मामले खोलने के लिए स्विस अधिकारियों को पत्र लिखें.
अदालत ने अब प्रधानमंत्री राजा परवेज़ अशरफ़ को 27 अगस्त को अदालत में पेश होने का आदेश दिया और कहा कि वह इस संबंश में जवाब दें कि उन्होंने अभी अभी तक राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रादरी के ख़िलाफ़ दायर भ्रष्टाचार के मामले खोलने के लिए स्विस अधिकारियों को पत्र क्यों नहीं लिखा है.