सवेरा फाउंडेशन ट्रस्ट और ईसीजीसी लिमिटेड के सहयोग से सर्वाइकल कैंसर शिविर का आयोजन
सवेरा फाउंडेशन ट्रस्ट ने ईसीजीसी लिमिटेड ( भारत सरकार का उद्यम ) के सहयोग से महिलाओं में तेजी से फैलती सर्वाइकल कैंसर की समस्या के लिए एक जागरूकता कैंप का आयोजन नॉएडा सेक्टर 73 के गावं सरफराबाद में आयोजित किया . महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर स्तन कैंसर के बाद दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है. हर 8 मिनट में एक महिला की इससे मृत्यु हो जाती है. भारत में हर साल 74 हज़ार महिलाओं की इस कैंसर से मृत्यु हो जाती हैं.
सर्वाइकल मतलब गर्भाशय ग्रीवा कैंसर गर्भाशय ग्रीवा की परत में असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि है। सर्वाइकल कैंसर से होने वाला दर्द बीमारी के शुरुआती चरणों में ज़्यादा महसूस नहीं होता है, अगर आपको कुछ भी महसूस होता है। जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है और आस-पास के ऊतकों और अंगों में फैलता है, आपको अपने श्रोणि में दर्द का अनुभव हो सकता है या पेशाब करने में समस्या हो सकती है। एचपीवी शरीर में प्रवेश करके गर्भाशय के अंदरूनी हिस्से को नुकसान पहुंचाता है और धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले लेता है.
सवेरा फाउंडेशन द्वारा सर्वाइकल कैंसर जागरूकता अभियान के तहत अपने स्वयंसेवको के माध्यम से पिछले 20 दिनों से घर घर जाकर महिलाओं को जागरूक करने के साथ उनको टेस्ट करवाने के लिए प्रोत्साहित किया . इस कैंप में 400 से अधिक महिलाओं का एचपिवि डीएनए टेस्ट के साथ साथ विटामिन डी, आयरन डेफिशियेंसी, थाइरोइड, फोलिक एसिड, विटामिन बी 12 इत्यादि के टेस्ट भी किये गए.
इस अवसर पर ईसीजीसी लिमिटेड की श्रीमति रोजमेरी हूटन, ऐजीएम्,
श्री मंजीत त्रिपाठी, इओ, श्री रणवीर किशोर, ब्रांच मैनेजर नॉएडा और सवेरा फाउंडेशन के प्रख्यात डॉक्टर वाई के गुप्ता भूतपूर्व डीन एम्स दिल्ली, प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर वीना गुप्ता, भूतपूर्व विभागाध्यक्ष सफ़दरजंग हॉस्पिटल, प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर सीमा सिंघल, एडिशनल प्रोफेसर, एम्स न्यू दिल्ली, संसद भवन के अधिकारी जितेन्द्र भारद्धाज, हरिकिशन, राजेंद्र मेहता, योगेंद्र यादव, तृप्ति सक्सेना, संदीप सक्सेना, शहनाज सैफ़ी, रितु शर्मा और बड़ी संख्या में क्षेत्र वासियो ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा सवेरा फाउंडेशन और ईसीजीसी लिमिटेड के प्रयासो की खुले ह्रदय से प्रसंसा की और आशा व्यक्त की कि ऐसे जागरूकता शिविर का अधिक संख्या में आयोजन किया जायेगा जिससे गरीब और वंचित समाज की अधिक से अधिक महिलाओं को इसका फायदा मिल सके .