यह जानकारी देते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, हरियाणा की प्रधान सचिव श्रीमती धीरा खण्डेलवाल ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में उपलब्ध युवा शक्ति में शासन एवं लोकसेवा के प्रति रुचि विकसित करना तथा सरकारी योजनाओं की अवधारणा और क्रियान्वयन के विशलेषण, नवाचरण एवं सुधार के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना है, ताकि युवाओं के ज्ञान का उपयोग एक थिंक टैंक के रूप में किया जा सके।
उन्होंने कहा कि समृद्धि और राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के विकास में नवाचार के महत्व को देखते हुए भारत के राष्ट्रपति ने वर्ष 2010-2020 को नवाचार दशक घोषित किया है। इसी दिशा में कार्य करते और भारतीय मॉडल को ध्यान में रखते हुए नवाचार पर एक राष्ट्रीय रणनीति विकसित की जा रही है, जोकि निचले स्तर तक नवाचार की पहुंच, सामर्थ्य एवं गुणवत्ता तथा उपयोग पर बल देगी।
उन्होंने कहा कि 16 से 35 वर्ष की आयु के विद्यार्थी एवं युवा च्च्युवा चिंतकज्ज् योजना में भाग लेने के पात्र होंगे। आवेदकों को अपने विचार 5 सितम्बर, 2013 तक myideaharyana@gmail.com पर ई-मेल करने होंगे। आवेदन वल्ड दस्तावेज होना चाहिए। ई-मेल पर युवा चिंतक विषय लिखा होना चाहिए। आवेदक अपने विचार डाक द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग बेज़ न० 35-38, सैक्टर-2,पंचकूला के पते पर भी भेज सकते है। आवेदकों को अपने आवेदन में अपना पूरा नाम, लिंग, जन्म तिथि, पिता एवं माता का नाम, शैक्षणिक योग्यता, शैक्षणिक संस्थान, सम्पर्क नम्बर, आवासीय पता तथा ई-मेल आइडी देनी होगी।
उन्होंने कहा कि प्रविष्टि में एक ऐसा आलेख होना चाहिए जो राज्य में संचालित सरकारी योजना/कार्यक्रम की गहरी समझ के साथ-साथ उसके डिजाईन, विषय सूची एवं निष्पादन में प्रभावी सुधार के लिए सिफारिशों को दर्शाता हो। विचार हरियाणा राज्य की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर क्रियान्वयन योग्य होने चाहिए। आलेख पांच पृष्ठों से अधिक नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि योजना सम्बन्धी विचार तथा प्रौद्योगिकी सम्बन्धी विचार प्रस्तुत कर सकते है। योजना सम्बन्धी विचारों में मौजूदा योजनाओं पर सुझाव एवं नई योजनाएं तैयार करने के लिए नवीन विचार दिए जा सकते है, जबकि प्रौद्योगिकी सम्बन्धी विचारों में सार्वजनिक सेवाओं में मौजूदा प्रौद्योगिकियों का नवीन उपयोग और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए नई प्राद्योगिकी का नवाचार होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सिफारिशें सरकारी योजना एवं कार्यक्रम और उसके निष्पादन में सुधार के उद्देश्य से रचनात्मक और नवीन होनी चाहिए। वह एक शिकायत या शिकायत निवारण के रूप में नहीं होनी चाहिए। नई योजनाएं प्रस्तावित करते हुए उनके उद्देश्य, तंत्र और अन्तिम परिणामों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, प्रौद्योगिकी सम्बन्धी योजनाओं पर नवीन विचार स्पष्ट, ठोस एवं क्रियान्वयन योग्य होने चाहिए, जो मितव्यय तथा बचत करने वाले और जीवन को सरल बनाने वाले हो।
उन्होंने कहा कि युवा चिंतकों को युवा प्रतिभा प्रशंसा पुरस्कार भी दिए जाएंगे। परिषद् द्वारा कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें चयनित आवेदक अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। इन्हें भागीदारी प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, आवेदक जिनके विचारों को प्रथम दृष्टा नवीन एवं क्रियान्वयन योग्य पाया जाएगा, को प्रशंसा पत्र दिया जाएगा और उनके पत्रों को सम्बन्धित विभाग को भेजा जाएगा। आवेदकों के अन्तिम रूप से स्वीकृत विचारों को राज्य नवाचार परिषद् द्वारा उचित रूप से क्रियान्वित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि योजना सम्बन्धी विचार के लिए घोषित ए श्रेणी के तहत 50-50 हजार रुपये के दो पुरस्कार, घोषित बी श्रेणी के तहत 40-40 हजार रुपये के दो पुरस्कार, सी श्रेणी के तहत 25-25 हजार रुपये की तीन पुरस्कार और श्रेणी डी के तहत 10-10 हजार रुपये के 10 पुरस्कार दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, प्रौद्योगिकी सम्बन्धी विचार के लिए भी ए श्रेणी के तहत 50-50 हजार रुपये के दो पुरस्कार, घोषित बी श्रेणी के तहत 40-40 हजार रुपये के दो पुरस्कार, सी श्रेणी के तहत 25-25 हजार रुपये की तीन पुरस्कार और श्रेणी डी के तहत 10-10 हजार रुपये के 10 पुरस्कार दिए जाएंगे। इस प्रकार,योजना सम्बन्धी विचार और प्रौद्योगिकी सम्बन्धी विचार के लिए कुल 7.60 लाख रुपये के कुल 34 पुरस्कार दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आवेदकों द्वारा यदि मौजूदा योजनाओं में बदलाव सुझाए गए हैं तो उन्हें सुझाए गए संशोधनों के वांछित परिणाम के साथ कारण भी देने होंगे। इसके अतिरिक्त,उन्हें यह भी बताना होगा कि उसके सुझावों क्रियान्वयन से वित्तीय भार बढ़ेगा या मौजूदा खर्च स्तर को कम करने में मदद मिलेगी। नई योजनाओं के लिए उद्देश्य, आवश्यकता, आवश्यक क्रियान्वयन सैटअप, जिस श्रेणी की आवश्यकता पूरी होगी, बारे स्पष्ट रूप से उल्लेख करना होगा और यह भी बताना होगा कि सुझाया गया विचार लक्षित लाभानुभोगियों के लिए मौजूदा योजना से किस प्रकार भिन्न है। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए विचारों के लिए,मौजूदा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र एवं उपयोग पद्धति में नवाचार या नई प्रौद्योगिकी या उपकरण के आगमन बारे स्पष्ट रूप से विस्तार से बताना होगा।
उन्होंने कहा कि अस्पष्ट सुझावों, मौजूदा योजनाओं, नीतियों एवं पद्धतियों, रूपरेखा के दोहराव, तथा अव्यावहारिक विचारों को रद्द कर दिया जाएगा। केवल ऐसे आवेदक ही राज्य स्तरीय कार्यशाला या संगोष्ठि में अपने नए विचार प्रस्तुत करने के लिए पात्र होंगे, जिनके विचारों को नवीन, क्रियान्वयन योग्य, वहनीय, पर्यावरण की दृष्टि से स्थाई समाधान करने, प्रक्रियाओं के सरलीकरण,निष्पादन प्रणाली में सुधार करने, अन्तर को पाटने,कमियों को दूर करने, लोगों तक परेशानी मुक्त पहुंच सृजित करने, नई प्रौद्योगिकी को अपनाने में सरल या प्रौद्योगिकी के सरल रूपान्तर आदि के लिए उपुयक्त पाया जाएगा। युवा चिंतकों को अपने अनूठी सोच और राज्य या देश की प्रगति में भागीदार बनने के लिए उचित रूप से सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। आवेदन प्राप्त होने पर प्रोसेसिंग कमेटी उन्हें श्रेणी बार विभाजित करेगी, उनकी विषय वस्तु का आकलन करेगी और आवेदकों का चयन करेगी। वह उन विभागों की सूची भी तैयार करेगी जिनके सम्बन्ध में विचार प्राप्त हुए हैं। संगोष्ठी या कार्यशाला का आयोजन भी किया जाएगा जिसमें चुने गए आवेदकों को अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाएगा।उनके विचार विशिष्ट, क्रियान्वयन योग्य, मितव्ययी और दोहराने योग्य होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस योजना के प्रचार के लिए हरियाणा में व्यापक सरकुलेशन वाले समाचार पत्रों , दिल्ली एवं अखिल भारतीय संस्करण वाले समाचार पत्रों तथा/या राज्य विशिष्ट प्रतिष्ठित समाचार पत्रों, राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों के संस्करण में विज्ञापन दिया जाएगा। उच्चतर शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा विभागों और राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के माध्यम से हरियाणा के सभी कॉलेजों में योजना को प्रसारित किया जाएगा।राज्य स्तर पर पै्रस विज्ञप्तियों और क्षेत्रीय स्तर पर उपायुक्तों के माध्यम से भी व्यापक प्रचार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की बैवसाईट- www.dstharyana.orgपर भी डाला जाएगा।