11/08/2013 अपने बच्चों को शिक्षा अवश्य दिलवाएं ताकि वे अपने जीवन में आगे बढ़ सके
चंडीगढ, 10 अगस्त- हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि आने वाले समय में शिक्षित समाज, प्रदेश व देश ही तरक्की करेगा, इसलिए वे अपने बच्चों को शिक्षा अवश्य दिलवाएं ताकि वे अपने जीवन में आगे बढ़ सके। ।
मुख्यमंत्री श्री हुड्डा आज रोहतक के जाट शिक्षण संस्थान में चौधरी देवी सिंह नांदल की प्रतिमा के अनावरण व यज्ञशाला के उद्घाटन के बाद आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि अब दुनिया छोटी होती जा रही है और आने वाले समय में विकास की अपार संभावनाएं है, लेकिन भविष्य में शिक्षा विकास और अन्य सभी क्षेत्रों के लिए अहम होगी। उन्होंने कहा कि आने वाला समय पूरे विश्व में शिक्षा का समय होगा। भविष्य में वही समाज, प्रदेश या देश विकास की राह पकडे़, जो शिक्षित होगा। उन्होंने प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे समाज, देश व प्रदेश की समृद्घि व खुशहाली के लिए अपने बच्चों को शिक्षा जरूर दिलवाएं, जिससे की बच्चे अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के साथ-साथ देश व प्रदेश के विकास के लिए भी काम कर सके। मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि चौ.देवी सिंह नांदल पहले ऐसे शक्स थे जिन्होंने जाट शिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए अपने परिवार की लगभग 30 बीघा निजी जमीन दी थी। उन्होंने कहा कि जिस समय जाट उच्च विद्यालय की स्थापना की गई उस समय यह इलाका शिक्षा के मामले में बहुत पिछड़ा हुआ था। इसी बात को लेकर बरौना में एक महापंचायत हुई जिसमें यहां शिक्षा के साधन उपलब्ध करवाने और समाज सुधार के अन्य महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। श्री हुड्डा ने कहा कि मैं दूरदर्शी सोच रखने वाले उन महान बुजुर्गों को सलाम करता हूं जिन्होंने क्षेत्र में शिक्षा सुविधाओं की नींव रखी। उन्हीं महान लोगों की बदौलत आज इन शिक्षण संस्थाओं का लाभ हरियाणा और उसके साथ लगते क्षेत्रों को भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जाट संस्था के संस्थापक उनके दादा चौधरी मातूराम, चौधरी देवी सिंह नांदल, डॉ.रामजीलाल और भानीराम जैसे अनेकों लोगों के प्रयासों व कड़ी मेहनत से आज जाट संस्था विकसित हुई है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले स्थापित किए गए इस जाट स्कूल से पढ़ने वाले विद्यार्थी केंद्र व राज्य सरकारों के उच्च पदों पर काम चुके हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल की स्थापना के समय चौधरी देवी सिंह नांदल सहित इनके पूरे गांव ने इस काम में पूरा सहयोग दिया। साथ ही संस्था को सेना में काम करने वाले हरियाणा व अन्य राज्यों के जवानों के अलावा किसान, मजदूर व व्यापारी आदि ने भी चंदे के तौर पर पैसा दिया। उन्होंने कहा कि जाट संस्था ने अपने 100 वर्ष के कार्यकाल में बहुत उतार-चढ़ाव देखें है। संस्था को वो समय भी देखना पड़ा जब एक से दो संस्थाएं हो गई और फिर उस समय के बुद्घिजीवी लोगों की आम जनता को सुविधा मुहैया कराने की सोच से संस्था एक बार फिर साथ काम करने लगी। उस समय से अब तक संस्था निरंतर शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि संस्था की स्थापना के समय ऐसे काम करना बहुत कठिन था। उस समय शिक्षण संस्थान स्थापित करने की बात सोचना भी बड़ा काम था और हमारे बुजुर्गों ने तो ना केवल इस बात को सोचा बल्कि जनता की भलाई के लिए कार्य करते हुए जाट शिक्षण संस्थान की स्थापना कर एक अहम काम किया। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे भी हमारे महान बुजुर्गों के दिखाए रास्तों और उनकी सोच की तरह ही दूरदृष्टि रखें तथा देश व प्रदेश के लिए अच्छा कार्य करें।
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