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30/07/2013 विभिन्न जनपदों में पेयजल की अनेकों योजनाएं भी हुई ध्वस्त
देहरादून-प्रदेश में आयी आपदा से क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की वीड़ियों कांफ्रेंसिंग के जरिये पेयजल मंत्री श्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने समीक्षा की। उन्होंने कहा कि विगत दिनों आयी अपदा से प्रदेश का जनजीवन अस्तव्यस्त हैं, वहीं काफी जन व धन की हानि हुई है।
आपदा के दौरान प्रदेश के विभिन्न जनपदों में पेयजल की अनेकों योजनाएं भी ध्वस्त हुई है। जिसके कारण प्रदेश के अनेकों जनपदों में पेयजल की आपूर्ति भी बाधित हुई है। परन्तु कर्मचारियों और अधिकारियों की मेहनत के चलते अधिकांश पेयजल योजनाएं सुचारू कर लोगों को पेयजल आपूर्ति की जा रही है।
श्री नैथानी ने वीड़ियों कांफ्रेंसिंग के दौरान जल संस्थान एवं पेयजल निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे सक्रियता के साथ अवशेष क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं को बहाल करे तथा इन योजनाओं की मरम्मत रखरखाव एवं पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि निर्गत किये जाने हेतु इस्टीमेंट तैयार कर शासन को तैयार कराएं ताकि वांछित धनराशि अवमुक्त की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पेयजल उपलब्धता के लिए धनराशि की कोई कमी होने दी जायेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विश्व बैंक की टीमों द्वारा भी जनपदों में जाकर क्षतिग्रस्त योजनाओं का निरीक्षण किया जायेगा। उन्होंने इस बात पर भी जौर दिया कि ग्रामीण क्षतिगस्त पेयजल योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर ठीक किया जाय। ताकि प्रदेश के सुदूर ग्रामीण इलाकों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति बनी रहे। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि वे स्वयं अथवा अपने अधीनस्थों को क्षेत्र में भेंजकर पानी की लीकेज को बन्द करने के साथ ही पेयजल आपूर्ति सुचारू रखने के लिए कटिबद्व रहे।
पेयजल मंत्री द्वारा नगरीय ग्रामीण, स्वेप के अन्तर्गत संचालित पेयजल योजनाओं की गहन से समीक्षा की। उन्होंने बताया कि गढ़वाल मण्डल में नगरीय क्षेत्र की 29 पेयजल योजनाएं क्षतिगस्त है, जिनके लिए 1505.98 लाख की धनराशि की आवश्यकता है। इसी प्रकार गढ़वाल मण्डल की 664 क्षतिग्रस्त योजनाओं के लिए 3663.6 लाख की धनराशि की आवश्यकता है। श्री नैथानी ने बताया कि कुमाऊं मण्डल की नगरीय क्षेत्र की 11 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त है, जिसके लिए 70.85 लाख, ग्रामीण क्षेत्र की क्षतिग्रस्त 304 योजनाओं के लिए 893 लाख की धनराशि की जरूरत है।
पेयजल मंत्री द्वारा समीक्षा के दौरान पाया गया कि पेयजल योजनाओं की मरम्मत आदि के लिए जिलाधिकारियों द्वारा जो धनराशि दी जा रही है, वह काफी कम है। उन्होंने दूरभाष पर जिलाधिकारियों से सम्पर्क कर प्रस्तुत आगणन के सापेक्ष अधिक से अधिक धनराशि जल संस्थान एवं पेयजल निगम को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य सचिव सुभाष कुमार, प्रमुख सचिव एस राजू, के अलावा जल संस्थान के मुख्य प्रबन्धक डीडी डिमरी, महाप्रबन्धक पीसी किमोठी, एस के गुप्ता, पेयजल निर्माण निगम के सीजीएम जीसी जोशी, प्रबन्ध निदेशक रविन्द्र कुमार, मुख्य अभियंता वाई सिंह एवं सुनील कुमार उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सपंर्क विभाग
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