23/07/2013 प्रदेश में आदिवासी वर्ग के 14 विद्यार्थी को मिला विदेश में पढ़ने का मौका
भोपाल :प्रदेश में आदिम-जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति से आदिवासी वर्ग के 14 विद्यार्थी को सरकारी खर्च पर विदेश में पढ़ने के अवसर प्राप्त हुए हैं। इन विद्यार्थी की पढ़ाई पर राज्य सरकार द्वारा 2 करोड़ 64 लाख की राशि व्यय की गई है।
विभाग द्वारा विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति के नियमों में भी संशोधन किया गया है। इस वर्ष से आदिवासी वर्ग के 50 विद्यार्थी प्रतिवर्ष विदेश में अध्ययन के लिये जा सकेंगे। गत वर्ष तक इस योजना में प्रतिवर्ष 10 विद्यार्थी का चयन किया जाता था। अनुसूचित-जाति कल्याण राज्य मंत्री श्री हरिशंकर खटीक ने विभागीय अधिकारियों से इस वर्ष विद्यार्थियों के चयन की कार्यवाही शीघ्र पूरा करने के लिये कहा है। विभाग द्वारा विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति के नियमों में भी संशोधन किया गया है। विद्यार्थी के अभिभावकों की आय-सीमा 5 लाख वार्षिक से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई है। आदिवासी विद्यार्थी उच्च अध्ययन के अलावा अब मेडिकल, कॉमर्स, मैनेजमेंट एवं लॉ के ग्रेजुएशन के लिये भी विदेश जा सकेंगे। विदेश में दिये जाने वाले निर्वाह, आकस्मिक, उपकरण भत्ते की राशि में भी वृद्धि की गई है। विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति में पूर्व में प्रवेश-शुल्क के संबंध में कोई प्रावधान नहीं था। अब से विभाग द्वारा वास्तविक प्रवेश-शुल्क की राशि का भुगतान विद्यार्थी को किया जायेगा। विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति में 14 आदिवासी विद्यार्थी ने आस्ट्रेलिया, रूस, इंग्लेण्ड, अमेरिका, पोलेण्ड, स्विटजरलेण्ड एवं चीन आदि देशों के विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में उच्च अध्ययन के लिये प्रवेश लिया। विदेश अध्ययन के लिये गये 14 में से 5 विद्यार्थी ने अपना उच्च अध्ययन पूरा कर लिया है। आयुक्त आदिवासी विकास श्री उमाकांत उमराव ने बताया कि राज्य सरकार ने पूर्व में विदेश में उच्च अध्ययन के बाद देश लौटने की अनिवार्य शर्त को भी समाप्त किया है।
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