कौन सी परेशानियां बताई:
1.एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि प्रापर्टी मार्केट के समक्ष कलेक्टर रेट में वृद्धि बड़ी चुनौती है, मंदी चल रही है। मार्केट लगभग 20 प्रतिशत डाउन है। इसके बावजूद प्रशासन कलेक्टर रेट में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि करने की योजना बना रहा है। इससे आम आदमी का शहर में प्रापर्टी खरीदना मुश्किल हो जाएगा।
2. पंचकूला और मोहाली की तरह प्रापर्टी कंसलटेंट का पंजीकरण जरूरी हो, इससे प्रापर्टी खरीद फरोख्त में होने वाली गड़बड़ी से बचा जा सकेगा।
3.हाल ही में लीज होल्ड प्रापर्टी को फ्री होल्ड में बदलने की प्रक्रिया बंद होने से खरीददार और बेचने वाले दोनों परेशान हैं, दर्जनों मामले रुके हुए हैं।
4. एनओसी बंद करने से धोखाधड़ी के मामले बढ़ने की आश्ाका हो गई है। खरीददारों के हित में प्रशासन को पालिसी तैयार करनी चाहिए। एनओसी खत्म होने के बाद यूटेशन की प्रक्रिया अधिक लंबी होने से मुश्किलें बढ़ रही है। समय सीमा तय करनी चाहिए।
5.चंडीगढ़ आवास बोर्ड की कार्यशैली से संपत्ति मालिक परेशान हैं, न प्रापर्टी स्थानांतरित हो रही है और न ही कनवर्जन हो रहा है। एनओसी और कन्वेंस डीड के लिए लोगों को महीनों चक्कर लगाना पड़ रहा है। लोगों को वॉयलेशन का डर दिखाया जा रहा है।
6. औद्योगिक क्षेत्र के कई प्लाटों के लीज ट्रासफर के मामले 6माह से अधिक समय से लटके हैं, इनकी एनओसी प्रशासन को शीघ्र देनी चाहिए।