20/07/2013 राजस्थान देश में नम्बर एक पर
जयपुर। दलित उत्पीड़न के मामले में अब राजस्थान देश में पहले स्थान पर पहुंच गया। अजा, जजा वर्ग हमेशा कांग्रेस को वोट बैंक रहा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हमेशा से ही इन वगरें के पैरोकार रहे, लेकिन इन वगरें पर अत्याचार भी उन्हीं की सरकार में सबसे अधिक हो रहे है।
हत्या, बलात्कार, छेड़छाड़, मारपीट और अन्य उत्पीड़न की फरियाद लेकर प्रदेश में अनुसूचित जाति के करीब एक दर्जन लोग पुलिस थाने पहुंच रहे हैं। अनुसूचित जाति की राजस्थान में 1.22 करोड़ आबादी है। राज्य में दलित अत्याचार के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज 5,559 मामलों में 66 हत्याएं, 202 बलात्कार, 43 अपहरण, 568 मारपीट, 111 एससी, एसटी एवं ओबीसी की संख्या 4536 है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में दलितों पर अत्याचार की अपराध दर 45.50 है। उत्तरप्रदेश में दलित अत्यचार के मामले 15 की अपराध दर से दर्ज हुए। इसे देखकर लगता है कि एससी,एसटी पर अत्याचार के मामले में राजस्थान अब उत्तरप्रदेश से भी आगे पहुंच गया, जबकि अब तक देश का सबसे बड़ा प्रदेश राजस्थान इस मामले में आगे रहता था। रिपोर्ट देखने पर पता चलता है कि एससी, एसटी के विरुद्ध गुजरात में 25.23 प्रतिशत प्रकरण दर्ज हुए वहीं मध्यप्रदेश में 24.35, आंधप्रदेश में 22.5, बिहार में 29.10 प्रतिशम मामले दर्ज हुए। मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड में दलित अत्याचार का रिकॉर्ड 2012 में शून्य रहा। राजस्थान में अनुसूचित जनजाति के खिलाफ भी काफी मामले दर्ज हुए है। प्रदेश में 92.39 लाख अनुसूचित जनजाति की आबादी है। 2012 में आदिवासियों ने 1351 मामले दर्ज कराए। इनमें 15 हत्याएं, 59 बलात्कार और सात अपहरण के मामले शामिल है। हर रोज चार लोगों ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई। जनसंख्या के हिसाब से राजस्थान की अपराध दर 22.8 रही, जबकि केरल में 25.5 की अपराध दर से 124 मामले दर्ज हुए। केरल में आदिवासियों की जनसंख्या 4.85 लाख है। राजस्थान पुलिस ने दलित अत्याचार के मामलों में 99.7 की दर से चार्जशीट लगाकर 5419 मामलों का निपटारा किया। राज्य पुलिस में सिविल राइट के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रामफल सिंह ने बताया कि हमारे यहां जागरुकता के साथ रजिस्ट्रेशन फ्री है, जिससे मामले ज्यादा दर्ज होते हैं। मामलों में कार्रवाई के लिए विशेष प्रकोष्ठ खोले गए हैं। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि कांग्रेस सरकार खुद को दलितों का हितैषी होने की बात कहती है, लेकि न आंकड़े देखकर सच्चाई सामने आ जाएगी, वहीं कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य अश्क अली टांक अशोक गहलोत को एससी के प्रति संवेदनशील मानते हुए कहते है कि इन वगरें की भलाई के लिए भी राज्य सरकार ने कई योजनाएं चलाई है।
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