18/07/2013 मुख्य सचिव की अध्यक्षता में साधिकार समिति गठित
भोपाल : राज्य शासन ने जल संसाधन विभाग में संचालित विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में साधिकार समिति का गठन किया है।
समिति में कृषि उत्पादन आयुक्त, वित्त, योजना, नर्मदा घाटी विकास, जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग, मुख्य अभियंता बोधी तथा विश्व बैंक परियोजना के परियोजना संचालक सदस्य नामांकित किये गये हैं। साधिकार समिति के पहले मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित जल संसाधन विभाग से संबंधित प्रगति समीक्षा समिति, परियोजना परीक्षण समिति, साधिकार समिति, राज्य-स्तरीय जल स्त्रोत उपयोग समिति एवं स्टीयरिंग कमेटी गठित थी। इन समिति के स्थान पर साधिकार समिति अस्तित्व में रहेगी। यह समिति जल संसाधन विभाग की मध्यम एवं वृहद परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति संबंधी प्रस्तावों का परीक्षण, वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के कमाण्ड क्षेत्र विकास के परियोजना प्रतिवेदनों (डीपीआर) का परीक्षण और विकास कार्यक्रम के क्रियान्वयन की समीक्षा करेगी। जल संसाधन विभाग की 50 करोड़ राशि से अधिक और 100 करोड़ तक की वित्तीय निविदाओं की स्वीकृति गठित समिति प्रदान करेगी। साधिकार समिति को 50 करोड़ से कम राशि की वित्तीय निविदाओं की स्वीकृति के संबंध में विभिन्न स्तरों पर अधिकार सीमा में परिवर्तन की आवश्यकता होने पर वित्त विभाग से अभिमत प्राप्त कर आवश्यकता के मुताबिक परिवर्तित करने का अधिकार रहेगा। समिति विश्व बैंक से सहायता प्राप्त जल संसाधन विभाग की परियोजना की कार्य-योजना का अनुमोदन क्रियान्वयन पर नियंत्रण रखेगी। साथ ही औद्योगिक इकाइयों को जल का आवंटन करने, आवंटित जल में कमोबेशी और आवंटन निरस्त करने के साथ ही जल कर निर्धारण तथा वसूली की समीक्षा करेगी। यह समिति जल स्त्रोतों के युक्तियुक्त एवं वैज्ञानिक दोहन के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय का कार्य करेगी। जल आवंटन के प्रकरणों में विचार-विमर्श के लिए साधिकार समिति की बैठक में संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव विशेष आमंत्रित सदस्य तथा परियोजना परीक्षण समिति से संबंधित प्रस्तावों के मामले में प्रमुख सचिव, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग और प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग भी बैठक में रहेंगे।
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