18/07/2013 गोद लेकर उनके पालन-पोषण का खर्च उठा सकते
चंडीगढ़, 18 जुलाई- आपको बाघ, लोमड़ी, हिरण या फिर गोरैया व तोता अच्छे लगते हैं तो आप इन्हें गोद ले सकते हैं। जी,हां गोद लेने के बाद इनकी देखभाल चिडि़याघर के कर्मचारी ही करेंगे।
हरियाणा सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ वन्य जीवों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए नई योजना शुरू की है, जिसके अंतर्गत कोई भी नागरिक चिडि़याघरों में पल रहे वन्य जीवों को गोद लेकर उनके पालन-पोषण का खर्च उठा सकते हैं। एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नागरिकों के सहयोग से ही पर्यावरण और वन्य जीवन को संरक्षण प्रदान किया जा सकता है। इसी उद्देश्य को लेकर सरकार ने नागरिकों के लिए वन्य प्राणियों को अपनाने की अनूठी योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत चिडि़याघर में पाले जा रहे जीवों को नागरिक गोद ले सकते हैं। कोई व्यक्ति अपने या अपने परिवार के किसी सदस्य के जन्मदिन अथवा साल-गिरह के अवसर पर वन्य जीव को गोद लेकर उसे यादगार बना सकता है। उन्होंने बताया कि वन्य जीव को गोद लेने वाले व्यक्ति का नाम चिडि़याघर में बाकायदा बोर्ड पर लिखा जाएगा। गोद लेने वाले व्यक्ति व उसके परिवार के पांच सदस्यों के लिए चिडि़याघर में प्रवेश के लिए निःशुल्क पास दिया जाएगा। इस पास के द्वारा वे साल में 12 दफा चिडि़याघर में आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि वन्य जीव को गोद लेने के लिए जो खर्च निर्धारित किया गया है, उसके अनुसार बाघ के 3 लाख 60 हजार, लोमड़ी के 52 हजार, मगरमच्छ व घ्डि़याल के 38 हजार, हिरण के 22 हजार 500, दरियाई घोड़ा के एक लाख 41 हजार, भालू के 50 हजार, तीतर, जंगली मुर्गी व कोकटेल के एक हजार, गोरैया व तोता के 600 रूपये, बंदर, लंगूर के 8 हजार 500 रूपये तथा ब्लैक बक के 22 हजार 500 रूपये जमा करवाने होंगे। प्रवक्ता ने बताया कि इस समय भिवानी के चौ. सुरेंद्र सिंह मैमोरियल लघु चिडि़याघर में मगरमच्छ, ब्लैक बक, सांभर, चिंकारा, बार्न उल्लू, घडि़याल, चांदी तीतर, टाईगर, लव बर्ड, जावा गोरैया, लोमड़ी, हिरण, कोकटेल, भालू, तेंदुआ, दरियाई घोड़ा सहित 268 वन्य जीव रह रहे हैं। यदि कोई नागरिक वन्य जीव को गोद लेना चाहता है तो वह वन्य प्राणी विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर सकता है।
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