17/07/2013 गांव स्तर पर साक्षरता कार्यक्रम के क्रियान्वयन का अवलोकन किया
चंडीगढ़, 17 जुलाई - मानव संसाधन मंत्रालय के राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण की ओर से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने आये 18 सदस्यीय विदेशी शिष्टमंडल ने आज हरियाणा के जिला करनाल में गांव मूनक का दौरा किया
तथा गांव स्तर पर साक्षरता कार्यक्रम के क्रियान्वयन का अवलोकन किया। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में 18 जुलाई से 20 जुलाई 2013 तक किया जायेगा। इस दौरे का उद्देश्य प्रदेश में गांव स्तर पर साक्षरता कार्यक्रम का मूल्यांकन करना था। शिष्टमंडल के सदस्यों ने गांव मूनक में वर्ष 2010 से चलाए जा रहे साक्षरता कार्यक्रम की रूपरेखा, प्रेरकों द्वारा साक्षर किए गए लोगों के बारे में जानकारी ली तथा कहा कि निरक्षर लोगों को साक्षर करने की राज्य सरकार की यह पहल काफी सराहनीय है, इसे वे अपने देशों में भी लागू करवाना चाहेंगे। हरियाणा माध्यमिक शिक्षा की अतिरिक्त निदेशक सुमेधा कटारिया ने शिष्टमंडल को अवगत करवाया कि राज्य सरकार द्वारा 15 वर्ष से ऊपर की आयु के निरक्षर लोगों को साक्षर करने के उद्देश्य से साक्षरता मिशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के 10 जिलों में करीब 2 हजार 962 गांवों में 4 हजार से अधिक कक्षाएं चलाई जा रही हैं। पूरे प्रदेश में इस समय 5 हजार 444 साक्षर प्रेरक कार्य कर रहे हैं। हरियाणा में जब से यह कार्यक्रम शुरू किया गया है, साक्षरता दर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में महिलाएं शिक्षा प्राप्त के लिए अधिक संख्या में आगे आ रही हैं। इस कार्यक्रम से प्रेरित होकर ये महिलाएं भारत सरकार के मनरेगा, स्वर्ण ग्राम स्वरोजगार योजना, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवाएं तथा कृषि कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेकर परिवार के आर्थिक विकास में योगदान दे रही हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति निरक्षर न रहने पाए। उन्होंने कहा कि यह साक्षर कार्यक्रम और अधिक सफल हो सकता है, जब इसमें सभी का सहयोग व भागीदारी हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार लागू होने से पहले ही हरियाणा प्रदेश में साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम के तहत अधिक से अधिक लोगों को साक्षर करने की दिशा में प्रभावशाली ढंग से कार्य किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि आज विदेशी शिष्टमंडल के सदस्यों ने करनाल जिला के गांव मूनक का दौरा करने आए हैं। शिष्टमंडल को बताया गया कि साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत गांव स्तर पर पंच-सरपंच की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाती है, जो गांव में प्रेरक की नियुक्ति करती है। इन प्रेरकों को साक्षर कार्यक्रम की उचित ट्रेनिंग दी जाती है। जिन गांवों में साक्षरता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, उन गांव में पढ़ने वाले लोगों के बैठने के लिए जगह, कुर्सी, दरी तथा पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाई जाती है। प्रेरकों को मानदेय के रूप में 2 हजार रुपए मासिक दिए जाते हैं। कार्यक्रम में राज्य संसाधन केंद्र हरियाणा के कला जत्था ने विदेशी डेलीगेट्स के समक्ष शिक्षा के महत्व को नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया। शिष्टमंडल ने गांव मूनक में लोक शिक्षा केंद्र का भी दौरा किया। इससे पूर्व ग्रामीणों ने शिष्टमंडल का पारंपरिक ढंग से जोरदार स्वागत किया। शिष्टमंडल में शामिल सभी सदस्यों ने ग्रामीणों की ओर से किए गए स्वागत एवं हरियाणवी संस्कृति की प्रशंसा की। शिष्टमंडल में भूटान से निमा दामदुल व उग्येन पेम, जर्मनी के डा. उरलिक हैनमान, ब्राजील के प्रोफेसर टिमोथी डेनिस, बंग्लादेश से ए.एफ.एम फारूक हुसैन व तपून कुमार दास, मालदीव से अहमद हालीम, पापुआ न्यू गुनिया से पैटरिसिया पैरेड व विली जानडू, श्रीलंका से एल.एन. विजेस्कारा व रसीका बालासूरिया, मिस्र से डा. नूर हेनरी डोव्स व डा. मोहम्मद मुस्तफा, यूनिस्को नई दिल्ली से नाबिला जमशेद व मोहम्मद बासी जफर तथा राष्ट्रीय साक्षरत मिशन प्राधिकरण के मुख्य सलाहकार एस.पी.एस. सांगवान व शिक्षा मंत्रालय से अनीता फातिमा व अडल फ्रेडो शामिल थे। इस अवसर पर असंध के एसडीएम विक्रम मलिक, जिला शिक्षा अधिकारी आशा मुंजाल व शिक्षा विभाग के साइंस विशेषज्ञ डा. सुशील कुमार, तहसीलदार जगदीशचंद्र, बीडीपीओ घरौंडा राजबीर खुंडिया, गांव मूनक की सरपंच चंद्रकांता, सर्च हरियाणा के निदेशक प्रमोद गौरी, सर्च के सलाहकार प्रोफेसर बी.बी. अबरोल, सीनियर फैलो मनीषा, मदन भारती, अविनाश सैनी, कैप्टन शमशेर सिंह तथा गांव के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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