सिंह ने कहा कि इस शिखर वार्ता से दोनों देशों के पारस्परिक हितों के लिए आवश्यक द्विपक्षीय सहयोग में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि इस यात्रा से वेस्टर्न डेडीकेटिड प्राइट कारीडोर और दिल्ली मुंबई इडंस्ट्रियल कॉरीडोर जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं को बल मिलेगा।
मनमोहन सिंह ने कहा कि जापान हमारा प्रमुख क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोगी देश है। हमारे पारस्परिक हितों में आ रही समरुपता तथा द्विपक्षीय संबंधों में आ रही प्रगाढता एशिया के समृद्ध तथा स्थिर भविष्य के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वह शिंजो अबे के नेतृत्व वाले नई सरकार के साथ होने जा रही शिखर वार्ता में भारत जापान रणनीतिक एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को नई बुलंदियों पर ले जाने का प्रयास करेंगे।
भारत सरकार जापान के साथ राजनीतिक, सुरक्षा तथा ऊर्जा से जुडे क्षेत्रों में सहयोग की इच्छुक है। उन्होंने बताया कि वह इस दौरान जापान के तमाम राजनीतिक दलों तथा उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगें। जापान एवं थाईलैंड यात्रा भारत की पूर्वोन्मुखी नीति में एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने बताया कि आसियान देशों के साथ मेल मिलाप में इजाफा करने में थाईलैंड भारत के लिए मददगार साबित हो सकता है।
दोनों देशों के अवाम के बीच सदियों से सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक संबंध रहे हैं। इसके अलावा भारत-थाइलैंड के बीच रक्षा एवं समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में भी इजाफा हो रहा है, जिसके और प्रगाढ़ होने की संभावना है।