23/05/2013 रक्षा क्षेत्र में विकसित हो रही नई प्रौद्योगिकियों की भी जानकारी रखें
चंडीगढ़, 23 मई- प्रधानमंत्री डॉ० मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत की सुरक्षा इस समय पहले से कहीं अधिक मजबूत है, फिर भी यह बहुत जरूरी है कि हमारे रक्षा विशेषज्ञ बदलती परिस्थितियों से वाकिफ रहें
इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि रक्षा क्षेत्र से संबंधित हमारे नीति-निर्माता परिस्थितियों की जटिलताओं, क्षेत्रीय और वैश्विक प्रवृतियों के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में विकसित हो रही नई प्रौद्योगिकियों की भी जानकारी रखें। प्रधानमंत्री ने आज गुड़गांव जिले के गांव बिनौला में देश के पहले भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के उपरान्त यह विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल श्री जगन्नाथ पहाडि़या, मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, रक्षा मंत्री श्री ए. के. एंटनी, विदेश मंत्री श्री सलमान खुर्शीद, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कुमारी शैलजा, रक्षा राज्य मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह, गुड़गांव के सांसद राव इन्द्रजीत सिंह, हरियाणा के मुख्य संसदीय सचिव श्री धर्मबीर, बादशाहपुर के विधायक राव धर्मपाल, रक्षा सचिव श्री शशिकान्त शर्मा, रक्षा सलाहकार श्री शिवशंकर मेनन, सेना के तीनों अंगों के प्रमुख और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जटिल पड़ोसी होने के कारण भारत के सामने कई प्रकार की सुरक्षा चुनौतियां हैं। विभिन्न पड़ोसी देशों की कठिन परिस्थितियों, अंदरूनी संघर्षों, हथियारों के प्रसार और आतंकवादी गुटों की बढ़ती गतिविधियों के कारण एशिया की स्थिति में बहुत परिवर्तन आया है। इन बातों को ध्यान में रखने के अलावा हमें अपने सामरिक अवसरों के प्रति भी सचेत रहना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि रक्षा क्षेत्र से संबंधित हमारे नीति-निर्माता परिस्थितियों की जटिलताओं, क्षेत्रीय और वैश्विक प्रवृतियों के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में विकसित हो रही नई प्रौद्योगिकियों की भी जानकारी रखें। इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए स्व. डा. के. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली समिति ने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना की सिफारिश की, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों तथा रक्षा चुनौतियों को हमारे रक्षा नीति निर्धारण करने वाले लोगों को समग्र रूप से समझने के लिए पर्याप्त शिक्षा और जानकारी मिल सके।
डा. मनमोहन सिंह ने रक्षा विश्वविद्यालय की परियोजना के लिए और विशेष रूप से विश्वविद्यालय के लिए भूमि उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री श्री हुड्डा का धन्यवाद किया। मुख्यमंत्री श्री हुड्डा ने भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना हरियाणा में करने के लिए प्रधानमंत्री और भारत सरकार का आभार व्यक्त किया और कहा कि रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना देश के सभी सैनिकों के प्रति श्रद्धांजलि है। श्री हुड्डा ने कहा कि पहले से कहीं ज्यादा आवश्यकता इस समय इस बात की है कि देश के सामने मौजूद सुरक्षा चिंताओं और चुनौतियों के बारे में जागरूकता पैदा की जाए। रक्षा विश्वविद्यालय सुरक्षा और बहु-अनुशासनात्मक रणनीति के बारे में रक्षा मामलों से जुड़े लोगों को आवश्यक शिक्षा और जानकारी देगा। श्री हुड्डा ने हरियाणा सरकार की ओर से विश्वविद्यालय के लिए सभी संभव सहायता एवं सहयोग देने का आश्वासन दिया। श्री हुड्डा ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में हरियाणा ने प्रत्येक क्षेत्र में उल्लेखनीय उन्नति की है। आज प्रति व्यक्ति निवेश की दृष्टि से हरियाणा देश में पहले नंबर पर है और प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी हरियाणा बड़े राज्यों में सबसे आगे है। यह अभूतपूर्व प्रगति प्रधानमंत्री के योग्य मार्ग-दर्शन और यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के आशीर्वाद से संभव हुई है। श्री हुड्डा ने रक्षा विश्वविद्यालय के लिए भूमि देने वाले दो गांवों-बिनौला और बिलासपुर के लोगों की सराहना की और इन गांवों के विकास के लिए एक-एक करोड़ रूपए की राशि देने की घोषणा की।
रक्षा मंत्री श्री ए. के. एंटनी ने कहा कि रक्षा विश्वविद्यालय की आधारशिला रखा जाना इस बात का प्रतीक है कि केन्द्र सरकार देश की सुरक्षा को कितना महत्व देती है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय हमारी सुरक्षा चिंताओं से निपटने के लिए हमारी बौद्धिक क्षमता को बढ़ाएगा तथा रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रबंधन की हमारी आवश्यकताओं के बारे में सुझाव देगा। यह विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होगा और 2018-19 तक बनकर तैयार होगा। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की आवश्यकता बहुत समय से महसूस की जा रही थी। रक्षा विशेषज्ञ डा. के. सुब्रमण्यम ने इस रक्षा विश्वविद्यालय का खाका तैयार किया था। हरियाणा सरकार ने इसके लिए लगभग 200 एकड़ भूमि उपलब्ध करवाई है। देश के वर्तमान चार रक्षा संस्थान-राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज नई दिल्ली, रक्षा प्रबंधन कॉलेज सिकन्दराबाद, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़गवासला पुणे, भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के अंतर्गत आ जाएंगे। प्रारंभ में विश्वविद्यालय के परिसर में रक्षा अध्ययन, रक्षा प्रौद्योगिकी, रक्षा प्रबंधन और सुदूर शिक्षा से संबंधित चार कॉलेज खोले जाएंगे। वायुसेना प्रमुख एन ए के ब्राऊने ने प्रधानमंत्री तथा अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारी रक्षा तैयारियों का आकलन किया जाना चाहिए जो सशक्त एवं सामरिक मिलिट्री शिक्षा से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडे़ मामलों में और ज्यादा विश्वास के साथ लक्ष्य हासिल करने में सहायक होगा। कार्यक्रम के अंत में ले. जनरल एन.सी. मारवाह ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर हरियाणा के पुलिस महानिदेशक एस एन वशिष्ठ, गुड़गांव के उपायुक्त पी सी मीणा, पुलिस आयुक्त आलोक मित्तल, संयुक्त पुलिस आयुक्त महेश्वर दयाल, डीसीपी साऊथ राहुल शर्मा, गुड़गांव उत्तरी के एसडीएम डा. सतेन्द्र दूहन सहित अन्य अधिकारीगण, सेना के पूर्व अधिकारी व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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