सुषमा स्वराज ने सरकार पर वार करते हुए कहा कि सरकार हर मोर्चे पर नकाम रही है। यूपीए को जिस नेतृत्व की जरूरत है वह उसे नहीं मिल रहा। संगठन और यूपीए सकरार में तालमेल नहीं है। सुषमा ने कहा कि पीएम दाम बढ़ाते हैं और सोनिया उसे कम कराती हैं।
सिर्फ विकास दर से अर्थव्यवस्था का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। इस सरकार में भ्रष्टाचार की इंतहा है। भ्रष्टाचार की वजह से जनता महंगाई झेल रही है। इतना भ्रष्टाचार किसी सरकार में नहीं रहा है। सुषमा ने सवाल किया कि यूपीए के चार साल पूरे करने पर जश्न किसलिए मनाया जा रहा है।
क्या यह जश्न महंगाई की मार झेल रही जनता को तकलीफ पहुंचाने के लिए है। सुषमा ने सरकार को विदेश नीति के मोर्चे पर भी विफल बताया। उन्होंने कहा कि सरकार को लोकतांत्रिक संस्थाओं की परवाह नहीं है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने कहा कि सरकार अहंकार में डूबी है। मायूसी का ऎसा माहौल देश ने कभी नहीं देखा। प्रधानमंत्री का पद इतना छोटा कभी नहीं हुआ।
पीएम पद मजाक का पात्र बन गया है। उन्होंने कहा कि पीएम की राजनीतिक भूमिका ही नहीं बची। जेटली ने कहा कि पॉलिसी पैरेलिसिस शब्द पहले नहीं आया। जेटली ने सरकार पर सीबीआई के दुरूपयोग से चार साल पूरे करने का आरोप लगाया। जेटली ने कहा कि आंदोलन के बावजूद लोकपाल नहीं आया। सीबीआई पर बेमतलब जीओएम बना डाला।