डौडियापुर गांव का सर्वेश राज मिस्त्री का काम करता है। उसकी 30 वर्षीय पत्नी नीलम अपने मायके अटैया पिपरी थाना सिरसाकलार जालौन जाना चाहती थी। वहां पास के सतराजू गांव निवासी उसके फूफा रामनाथ के पुत्र चंद्रशेखर की रविवार को बरात जानी थी। लेकिन नीलम की तमाम जिद के बाद भी पति सर्वेश ने पैसे की व्यवस्था न हो पाने से भेजने से इन्कार कर दिया। इसी बात से नीलम बहुत क्षुब्ध थी।
रविवार सुबह जब सर्वेश काम पर कुचैता गांव और सास हीरादेवी पड़ोस में चली गई तो घर में अकेली नीलम ने सुबह आठ बजे पुत्री मीनाक्षी (4 वर्ष) व साक्षी (8 माह) के साथ खुद को कमरे में बंद कर आग लगा ली। घर से धुआं उठता देख पड़ोसियों ने कमरे का दरवाजा तोड़कर आग बुझाई। लेकिन तब तक नीलम व आठ माह की साक्षी की जलकर मौत हो चुकी थी। गंभीर रूप से झुलसी मीनाक्षी को सीएचसी ले जाया गया।
एसओ राजपुर मनोज कुमार राय ने बताया पुलिस जब गांव पहुंची, परिजन दोनों शवों को अंतिम संस्कार के लिए ले जा चुके थे। मायके व ससुराल पक्ष में समझौता होने की बात पता चली है। प्रकरण की पूरी जांच के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
वहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया। हादसे की खबर पाकर नीलम का भाई ताराचंद्र व परिजन गांव पहुंचे। चार घंटे चली समझौता वार्ता के बाद मां-बेटी के शवों का गांव के बाहर खेत में अंतिम संस्कार कर दिया गया।