सिद्धारमैया के इस मंत्रिमंडल में किसी भी विधान परिषद सदस्य को जगह नहीं दी गई है। कांग्रेस के भीतर से ही उठ रही एक स्वच्छ शुरुआत की मांग के दबाव के चलते राज्य मंत्रिमंडल से दागी नेताओं को दूर ही रखा गया है।
बेल्लारी शहर से निर्वाचित खनन व्यापारी और राज्यसभा सदस्य अनिल लाड, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष डी के शिवकुमार और आर रोशन बेग नव गठित मंत्रिमंडल में जगह बनाने में नाकाम रहे हैं। हालांकि अनिल के नजदीकी संबंधी संतोष लाड को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
आज मंत्री शपथ लेने वाले विधायकों में से 20 को कैबिनेट स्तर के और आठ राज्य स्तर के मंत्री हैं। राजभवन के ग्लास हाउस में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जी परमेश्वरम की मौजूदगी में राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने इन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। गौरतलब है कि परमेश्वर राज्य के उप मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में लगे हुए थे, लेकिन वह इसमें असफल रहे। इस दौरान काबीना मंत्री पद की शपथ लेने वालों में पूर्व केंद्रीय मंत्री वी श्रीनिवास प्रसाद और अभिनेता से नेता बने एम एच अंबरीश भी शामिल हैं।
इसके अलावा अभिनेत्री उमाश्री मंत्रिमंडल में जगह पाने वाली अकेली महिला हैं। वहीं बंगलुरु से चुने गए चार विधायकों को भी सिद्धारमैया की टीम में शामिल किया गया है। इसमें रामालिंगा रेड्डी और के जे जॉर्ज को काबीना और कृष्णा बिरेगौड़ा एवं दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री गुंडु राव के बेटे दिनेश गुंडुराव को राज्य मंत्री बनाया गया है। विधान परिषद की पूर्व नेता विपक्ष और कांग्रेस कार्य समिति की पूर्व सदस्य तथा मंत्री पद के इच्छुकों में एक रहीं मोटम्मा इस शपथ ग्रहण समारोह से अनुपस्थित थी।
वहीं शिवकुमार और तनवीर सैत को मंत्री नहीं बजाए जाने से भड़के उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया। काबीना मंत्री बनने वाले पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं में आर वी देशपांडेय, कमर-उल-इस्लाम, टी बी जयचंद्रा और एच के पाटिल के साथ वर्ष 2008 में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर जीत चुके और पांच मई को हुए चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए शिवराज एस थंगाडागी भी शामिल हैं।