08/05/2013 'ऑफीसर बनना चाहती हूं लेकिन किताब लेकर बैठती हूं तो पीटते हैं मामा-मामी'
शिमला. मुझे पढऩे का खूब शौक है। बड़ी होकर एक ऑफिसर भी बनना चाहती हूं, लेकिन मेरे मामा-मामी मुझसे घर का सारा काम करवाते हैं। अब तो मेरा स्कूल जाना भी बंद कर दिया है। पढऩे के लिए बोलती हूं तो मुझे पीटते हैं। इसीलिए मैं घर से भाग आई। मुझे फिर से मामा-मामी के पास नहीं जाना।
प्लीज, आप लोग भी उन्हें मत बताना कि मैं शिमला में हूं। हरियाणा में रहने वाले अपने मामा-मामी के घर से भाग कर आई 13 साल की मासूम ने चाइल्ड लाइन के सामने अपनी कहानी बता दी। ट्रेन से रविवार शाम साढ़े सात बजे शिमला के रेलवे स्टेशन पर पहुंची इस मासूम को रेलवे पुलिस ने देख लिया। बाद में कोई रिश्तेदार न देख पुलिस ने 108 पर चाइल्ड लाइन को सूचना दी। चाइल्ड लाइन की एक टीम कॉर्डिनेटर मीनाक्षी कंवर की अगुवाई में रेलवे स्टेशन में पहुंची। इसके बाद टीम इसे अपने साथ ले गई। खाना खिलाकर जब इस बच्ची से घर के बारे में पूछा गया तो इसने चाइल्ड लाइन को सबकुछ बता दिया। हालांकि, हरियाणा में इसका घर कहां है, इसने अभी तक इस बारे में नहीं बताया है। फिलहाल इसे दुर्गापुर स्थित बाल आश्रम में रखा गया है।
|