एशिया में हांगकांग, चीन व सिंगापुर के बाजारों में भी तेजी रही। यूरोप में ब्रिटेन का एफटीएसई 0.39%, जर्मनी का डेक्स 0.92% और फ्रांस का सीएसी 0.74% की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था।
निर्णायक ब्रेकआउट - यह बाजार के लिए एक निर्णायक ब्रेकआउट था। ग्लोबल संकेत भी खासे सकारात्मक थे। चार दिन बाद जापान का निक्केई खुला और जोरदार लिवाली से 3.5 फीसदी बढ़कर बंद हुआ। यूरोपीय बाजारों में भी तेजी बनी हुई थी। इस समय निवेशकों को वैल्यूएशंस को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। - संजीव जरबाड़े, वाइस प्रेसिडेंट (पीसीजी रिसर्च), कोटक सिक्युरिटीज
तरलता का समर्थन - ग्लोबल बाजारों की मजबूती के साथ ही रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में हाल ही में की गई चौथाई फीसदी की कटौती और कमोडिटी के दामों में जारी गिरावट से बाजार की धारणा को बूस्ट मिला। निवेशक ऊंचे स्तरों पर भी बाजार पर भरोसा जता रहे हैं और तरलता से भी समर्थन मिल रहा है। - निधि सारस्वत, सीनियर रिसर्च एनालिस्ट, बोनांजा पोर्टफोलियो
नई दिल्ली/मुंबई - मजबूत ग्लोबल संकेतों के बीच बैंकिंग, एफएमसीजी, रियल्टी व ऑटो सेक्टर के स्टॉक्स में हुई जोरदार लिवाली के चलते घरेलू बाजारों में मंगलवार को एक फीसदी से भी ज्यादा की बढ़त रही। बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का संवेदी सूचकांक 213.31 अंक के उछाल के साथ तीन माह के उच्च स्तर 19,888.95 अंक पर बंद हुआ।
कारोबार के दौरान एक समय तो सेंसेक्स 19,917.88 अंक के स्तर तक चढ़ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 72.50 अंक की बढ़त रही और यह 6,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार करते हुए 6,043.55 अंक पर बंद हुआ। उधर, एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज (एमसीएक्स-एसएक्स) का एसएक्स-40 भी 90.92% की बढ़त के साथ 11,731.20 अंक पर बंद हुआ।
ब्रोकरों के मुताबिक, ग्लोबल बाजारों में दर्ज की गई जबरदस्त तेजी से घरेलू बाजारों को समर्थन मिला। रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया द्वारा बेंचमार्क दरों में कटौती किए जाने से उत्साहित विदेशी निवेशकों की लिवाली ने ब्लूचिप काउंटरों में तेजी ला दी। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को घरेलू बाजारों में 897.47 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। मंगलवार को भी विदेशी निवेशकों की लिवाली ने बाजार की तेजी को कायम रखने में खासी मदद की।
निवेशकों की लिवाली के चलते बीएसई के एफएमसीजी सेक्टोरल इंडेक्स में दो फीसदी, बैंकेक्स में 1.80%, रियल्टी में 1.40% और ऑटो सेक्टोरल इंडेक्स में 1.12% की बढ़त रही। चौतरफा लिवाली के बीच बीएसई के सभी 13 सेक्टोरल इंडेक्स बढ़त बनाने में कामयाब रहे। निवेशकों की निगाह अब इसी सप्ताह में जारी होने वाले मार्च माह के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों (आईआईपी) पर लगी हुई है।
कोटक सिक्युरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (प्राइवेट क्लाइंट ग्रुप रिसर्च) संजीव जरबाड़े ने कहा कि यह बाजार के लिए एक निर्णायक ब्रेकआउट था। ग्लोबल संकेत भी खासे सकारात्मक थे। चार दिन बाद जापान का निक्केई खुला और जोरदार लिवाली से 3.5% बढ़कर बंद हुआ। यूरोपीय बाजारों में भी तेजी बनी हुई थी। इस समय निवेशकों को वैल्यूएशंस को लेकर सावधान रहने की जरूरत है।
बोनांजा पोर्टफोलियो की सीनियर रिसर्च एनालिस्ट निधि सारस्वत ने कहा कि ग्लोबल बाजारों की मजबूती के साथ ही रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में हाल ही में की गई चौथाई फीसदी की कटौती और कमोडिटी के दामों में जारी गिरावट से बाजार की धारणा को बूस्ट मिला। निवेशक ऊंचे स्तरों पर भी बाजार पर भरोसा जता रहे हैं और तरलता से भी समर्थन मिल रहा है।
नियर टर्म में वित्त वर्ष 2012-13 की चौथी तिमाही के वित्तीय नतीजों पर भी फोकस बना रहेगा। टॉरस म्यूचुअल फंड के मैनेजिंग डायरेक्टर आर. के. गुप्ता ने कहा कि मौद्रिक नीति को लगातार आसान बनाए जाने से वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्थाओं में रिवाइवल देखा जा रहा है।
ग्लोबल स्तर पर देखें तो बीते सप्ताह अमेरिका में रोजगार सृजन के बेहतरीन आंकड़े आने से कई प्रमुख इंडेक्स पांच साल के उच्च स्तर पर पहुंच गए।
जापान का निक्केई 3.7% और एमएससीआई ग्लोबल इंडेक्स 0.3% की तेजी के साथ बंद हुआ, जो कि इनका जून, 2008 के बाद का उच्चतम स्तर था। एशिया में हांगकांग, चीन व सिंगापुर के बाजारों में भी अच्छी तेजी रही। यूरोप में खबर लिखे जाते समय ब्रिटेन का एफटीएसई 0.39%, जर्मनी का डेक्स 0.92% और फ्रांस का सीएसी 0.74% की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था।
घरेलू स्तर पर बीएसई सेंसेक्स में शामिल 30 में से 25 कंपनियों के शेयर बढ़त बनाने में कामयाब रहे। हीरो मोटोकॉर्प में 3.65%, आईटीसी में 2.73%, टाटा मोटर्स में 2.58%, एचडीएफसी बैंक में 1.63%, आईसीआईसीआई बैंक में 1.69%, एसबीआई में 1.40% व बजाज ऑटो में 1.22% की तेजी रही।