27/08/2010 वीजा विवाद पर चीनी राजदूत ने दी सफाई
नई दिल्ली।। चीन ने एक बार फिर कश्मीर के एक शीर्षस्थ सैन्य अधिकारी को अपने देश की यात्रा करने से रोक दिटाइम्स नाउ
या है। चीन ने यह कहते हुए उत्तरी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बी. एस. जसवाल को अपने देश आने से रोक दिया कि वह जम्मू-कश्मीर के इलाके से जुड़े हैं और इसलिए उन्हें विशेष वीजा की जरूरत है।
चीन की इस हरकत पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने यात्रा को तब तक रोक दिया, जब तक यह मामला सुलझ नहीं जाता। हालांकि भारत की कड़ी प्रतिक्रिया को देखते हुए चीन ने स्थिति संभालने की कोशिश भी शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक जनवरी में हुई वार्षिक रक्षा वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा समझौते के लिए जनरल स्तर के अधिकारियों की यात्रा के बारे में सहमति बनी थी। उन्होंने बताया कि उस समय इस यात्रा के जुलाई में संपन्न होने का फैसला हुआ था, लेकिन तब यह निर्धारित नहीं हो सका था कि भारत की ओर से किसे भेजा जाएगा। सूत्रों ने बताया कि भारत ने जब लेफ्टिनेंट जनरल जसवाल को भेजने के बारे में चीन को बताया, तो चीन ने एक पत्र लिखकर कहा कि लेफ्टिनेंट जसवाल संवेदनशील इलाके से जुड़े हैं और चीन में इस भाग के लोग एक अलग वीजा पर ही आ सकते हैं। चीन ने सुझाव दिया कि भारत किसी और को भेज सकता है और उसे अपनी यात्रा निरस्त नहीं करनी चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि चीन की आपत्ति यात्रा के ऐन पहले आई, जिसके चलते मामला सुलझ नहीं सकता था और इसलिए यात्रा रद्द हो गई।
इस बीच नई दिल्ली के कड़े रुख को दोखते हुए चीन ने स्थिति संभालने की कोशिश शुरू कर दी है। नई दिल्ली में चीन के राजदूत ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि चीनी राजदूत यान ने संयुक्त सचिव (चीन) गौतम बांबावाले से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने मुलाकात की पुष्टि करते हुए बताया कि 'चीन की राय का हम सम्मान करते हैं, लेकिन हम यह भी चाहते हैं कि वह हमारी चिंताओं को समझे और हमसे दोस्ताना रिश्ते को अहमियत दे।'
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