22/03/2013 लोकसभा होगी अब डिजिटल
नई दिल्ली संसद में वोटिंग के वक्त आए दिन होने वाली गड़बडि़यां जल्द ही दूर होने जा रही हैं। न सिर्फ वोटिंग बल्कि साउंड सिस्टम भी आधुनिक करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए बाकायदा मौजूदा एनालॉग सिस्टम को डिजिटल करने की तैयारी है। इस तरह से अब सांसदों को वोट देने के लिए अपनी सीट पर बेहतरीन बटन मिलेंगे बल्कि उनके माइक भी स्मार्ट होंगे। नए सिस्टम के चयन के लिए प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जैसे ही संसद का सत्र खत्म होने के बाद संसद का सचिवालय ग्रीन सिग्नल देगा, तभी लोकसभा के मौजूदा सिस्टम को हटाकर नया सिस्टम लगा दिया जाएगा। राज्यसभा में बाद में नया सिस्टम लगेगा।
नए सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि वह अत्याधुनिक होगा और उसकी क्वॉलिटी भी बेहतर होगी। ऐसे में वोटिंग के वक्त बटन न दबने और वोट न पड़ने संबंधी दिक्कतें तो दूर होंगी ही, साथ ही आवाज की क्वॉलिटी में भी सुधार होगा। दरअसल, अभी संसद के दोनों सदनों में जो सिस्टम लगा हुआ है, वह 1983-84 में लगा था। चूंकि अब यह सिस्टम 20 साल पुराना हो चुका है इसलिए कई बार वोटिंग के वक्त यह धोखा दे जाता है। राज्यसभा में पिछले सत्र के दौरान ही किसी बिल पर वोटिंग के वक्त यह सिस्टम धोखा दे गया। जिसका नतीजा यह हुआ कि दोबारा से वोटिंग करानी पड़ी थी। इसी तरह से कई बार साउंड सिस्टम ही फेल हो जाता है और वक्ता की बात अन्य सांसदों को सुनाई ही नहीं देती। सूत्रों का कहना है कि इस तरह की खामियों को दूर करने के लिए ही सिस्टम बदला जा रहा है। इसके लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए गए हैं और इनके आधार पर नए सिस्टम को लगाने के लिए प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। फिलहाल इसके लिए बॉश कंपनी का सिस्टम चुना गया है। इस सिस्टम पर छह करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि जो नया सिस्टम है, वह डिजिटल होगा। इसका फायदा यह होगा कि इससे न सिर्फ क्वॉलिटी बढि़या हो जाएगी बल्कि इसका अधिकतम यूज भी किया जा सकेगा। फिलहाल यह सिस्टम लोकसभा में लगाया जाएगा और वहां उसकी परफॉर्मेंस देखने के बाद राज्यसभा में भी लगाया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि पुराने सिस्टम को हटाने और नया सिस्टम लगाने के लिए दो महीने का वक्त लगेगा। ऐसे में यह सोचा जा रहा है कि बजट सत्र के सत्रावसान और अगला सत्र शुरू होने के बीच की अवधि में यह सिस्टम लगा दिया जाए।
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