22/03/2013 राम सिंह की मौत से खुश हैं उसके साथी!
नई दिल्ली।। दिल्ली गैंग रेप के मुख्य आरोपी राम सिंह की मौत का तिहाड़ जेल में बंद उसके चार साथियों को कोई गम नहीं है। वे इस बात को सोचकर खुश हैं कि उसके मरने से उन्हें इसका फायदा ही मिलेगा। उन्हें लगता है कि उस 'काली रात' की मीडिया में जितनी भी कवरेज हुई, उसमें आरोपियों में दो ही नाम सबसे अधिक उछले। उनमें एक राम सिंह का और दूसरा नाबालिग का। अब जबकि राम सिंह इस दुनिया में नहीं रहा तो उन्हें कोर्ट से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राम सिंह के चारों साथियों में अक्षय और मुकेश जेल नंबर-5 में जबकि विनय शर्मा और पवन गुप्ता जेल नंबर-7 में बंद हैं। इनमें से कोई भी राम सिंह की मौत के बाद मानसिक परेशानी में नहीं है। तिहाड़ जेल के प्रवक्ता सुनील कुमार का भी कहना है कि गैंग रेप के इन चारों आरोपियों में से कोई परेशान नहीं है। इनमें से किसी की काउंसलिंग कराने की भी जरूरत महसूस नहीं की जा रही है। बस, राम सिंह के स्यूसाइड के बाद इन चारों को उनके पुराने वॉर्ड से हटाकर उन सेल में शिफ्ट कर दिया गया है जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। बाकी कोई बदलाव नहीं किया गया है। जेल सूत्रों के मुताबिक, रामसिंह की मौत के बाद उसके चारों साथियों से लगातार बातचीत की जा रही है। उनकी बातों से पता लगता है कि वे ये मानकर चल रहे हैं कि उन्हें अब फांसी या उम्रकैद नहीं होगी। वह कहते हैं कि असली मुलजिम तो राम सिंह ही था। अब वह ही नहीं रहा तो उनके ऊपर चल रहे ट्रायल में उन्हें कुछ राहत जरूर मिलेगी। जेल के अधिकारियों ने उनसे यह भी पूछा था कि क्या राम सिंह फांसी लगा सकता था? इस सवाल के जवाब में इनका कहना था कि हां, राम सिंह फांसी लगाने का काम कर सकता था। उन्हें कई बार ऐसा लगा कि वह आत्महत्या कर लेगा। चूंकि उसके साथ जेल में आने के बाद कुछ ऐसे 'काम' हुए जिससे वह परेशान हो चला था। उसके चलते उसने फांसी लगा ली। बता दें कि जेल नंबर-3 के एक सेल में बंद राम सिंह का शव 11 मार्च की सुबह करीब 5 बजे उसके सेल की ग्रिल से लटका हुआ मिला था। उसके परिजन इसे आत्महत्या नहंी बल्कि हत्या बता रहे हैं। मामले की जांच मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट कर रहे हैं।
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