25/01/2013 बसों और मिनी बसों के ड्राइवरों पर सख्ती
दिल्ली सचिवालय : किराये पर ली गईं बस और मिनी बसों के ड्राइवरों की लापरवाही के कारण लगातार हो रहीं स्कूली बच्चों की मौत व घायल होने की घटनाओं के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने ड्राइवरों और बसें और मिनी बसों के लिए नई कड़ी गाइडलाइंस जारी की हैं। दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर रमाकांत गोस्वामी ने जानकारी देते हुए बताया कि अब केवल वे ही ड्राइवर बसें चला सकेंगे जिनके पास ड्राइविंग का पांच साल से ज्यादा का अनुभव है। अगर किसी भी ड्राइवर का ओवरटेकिंग , रेड लाइट जंपिंग व पार्किंग नियमों के कारण दो बार से ज्यादा चालान कटा होगा तो उसे ये बसें चलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
गोस्वामी ने बताया कि ड्राइवरों को ग्रे पैंट और जैकेट की वर्दी पहननी जरूरी होगा। वर्दी के ऊपर नेम प्लेट लगी हो और ड्राइवर व वाहन के मालिका का नाम दर्ज हो। तेज गति से वाहन चलाने , शराब पीकर वाहन चलाने या रैश ड्राइविंग करने वाले या गैर इरादतन हत्या के मामले में दर्ज होने के कारण चालान किए गए हों , ऐसे ड्राइवर भी गाड़ी नहीं चला सकेंगे। साथ ही बसों पर साफ तौर पर स्पष्ट लिखा होना चाहिए कि इस बस का इस्तेमाल स्कूल बस के तौर पर किया जा रहा है। बस पर गोल्डन रंग को बोर्ड लगा होना चाहिए , जिस पर एक स्कूली लड़के और स्कूली लड़की की इमेज बनी होनी चाहिए। बसों में ऐसे दरवाजे होने चाहिए जो बस के चलते वक्त बंद होने चाहिए। इसके अलावा बस कंडेक्टर व बस ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस होना चाहिए। बस में रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में दर्ज यात्रियों की संख्या से डेढ़ गुना ज्यादा बच्चे ना बैठें हों। बस में शिक्षा संस्थानों के साथ किए गए समझौते की कॉपी भी होनी जरूरी है। इसके अलावा स्कूली बच्चों की पूरी लिस्ट होनी चाहिए , जिसमें बच्चों का नाम , कक्षा , स्कूल और घर पता व चढ़ने और उतरने का स्थान दर्ज हो। स्कूल की अपनी बसों का रंग पीला सुनहरा होना चाहिए। पहली सीढ़ी की ऊंचाई 325 मिलीमीटर से ज्यादा न हो। बसों में ड्राइवर की सीट के साथ ऐसे शीशे लगे होने चाहिए जिससे बस के दोनों दरवाजों को ड्राइवर आसानी से देख सकें। बस के चढ़ने के स्थान पर बच्चों के चढ़ने के लिए रेलिंग लगी होनी चाहिए। ऐसी बसों का हॉर्न निश्चित प्रकार का होना चाहिए। बस में फर्स्ट एड बॉक्स और आग बुझाने के सिलेंडर की व्यवस्था होनी चाहिए। बसों के चारों कोनों पर लाइट लगी होनी चाहिए , जो पैसेंजरों के चढ़ने - उतरने के समय चालू हो। गोस्वामी ने बताया कि इन नियमों को तैयार करते वक्त एक्सपर्ट से काफी विचार - विमर्श किया गया।
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