आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को सिंध के कुछ और इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया। यहां 1447 राहत शिविर लगाए गए हैं, जिनमें बाढ़ प्रभावित लाखों लोगों ने शरण ली है। उधर, संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भयंकर बाढ़ से जूझ रहे लाखों पाकिस्तानी लोगों को मदद मुहैया कराने के लिए दानदाताओं के और समर्थन की जरूरत है।
गढ़ी खेरू से आई भयंकर बाढ़ की वजह से सिंध के शहादतकोट, काबू सईद खान, मीरो खान तथा सजावल शहरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। इस बीच, बाढ़ का अनुमान लगाने वाले प्रभाग ने चेतावनी दी है कि सिंधु नदी कोटरी बैराज के पास उफान पर है और क्षेत्र में बाढ़ के हालात अगले दो-तीन दिन में और बदतर हो सकते हैं।
कोटरी से शनिवार को सात लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया। अधिकारियों के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में यह नदी आसपास के निचले इलाकों में सैलाब ला सकती है। उधर, बलूचिस्तान में जफराबाद जिले के गंधका इलाके में बाढ़ का पानी भर जाने से हजारों लोगों ने अपने घर की छतों तथा ऊंचाई वाले अन्य स्थानों पर शरण ली है। मोला नदी के पानी से आई जबरदस्त बाढ़ से झाल मगसी और गंदहवा इलाकों के लिए खतरा पैदा हो गया है।
सेना के हेलीकॉप्टरों और नौकाओं से बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जाने के बावजूद बड़ी तादाद में लोग अब भी बाढ़ से घिरे हैं। बाढ़ के पानी से सैकड़ों मकान ध्वस्त हो चुके और पशुधन तथा हजारों एकड़ क्षेत्र में बोई फसल नष्ट हो गई है।
अधिकारियों के मुताबिक अस्पतालों तथा चिकित्सा शिविरों में दवाओं की जबरदस्त किल्लत है। अपर्याप्त आपदा प्रबंधन की वजह से कराची में बनाए गए राहत शिविरों की हालत बहुत खराब हो चुकी है। सिंध के ऑपरेशंस डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के निदेशक खर मुहम्मद कलहोरो ने बताया कि प्रांत में आई बाढ़ से 36 लाख 84 हजार 237 लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।