दरअसल इसकी सबसे बड़ी वजह हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी है। यमुना में खतरे का निशान है 204.83 मीटर, जबकि रात करीब साढ़े तीन बजे के करीब ही ये जलस्तर बढ़कर 204.92 हो चुका था। यानी यमुना नदी रात में ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। ये जलस्थर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। यमुना में नाव ले जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। साथ ही प्रभावित लोगों के लिए टेंट बना दिए गए हैं।
मालूम हो कि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 18 तारीख से अब तक 2 लाख 8 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। ये पानी दिल्ली तक पहुंचने में 72 घंटे लगते हैं। हथिनीकुंड बैराज का ये पानी बीती रात से ही दिल्ली पहुंचना शुरू हो चुका है। इतना ही नहीं शुक्रवार को ओखला बैराज से भी 39 हजार 207 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है जिससे यमुना के किनारे रहने वाले लोगों की मुसीबतें बढ़ने लगी हैं।
यमुना नदी में आए इस उफान से तीन राज्यों में भारी असर पड़ रहा है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए मंझावली समेत हसनपुर तक के घाटों पर नाव बंद करवा दी गई है। इससे यूपी और हरियाणा का जल संपर्क टूट गया है। ऐसे में लोगों को अब मोहना व दिल्ली के रास्ते सफर तय करना पड़ रहा है। वैसे दिल्लीवालों के लिए इस मुश्किल को भारी बारिश और बढ़ा रही है। अगर आज भी भारी बारिश होती है तो दिल्ली में हाहाकार मच सकता है। लोगों की परेशानियां काफी बढ़ सकती हैं। यमुना के किनारे रहने वाले ज्यादातर इलाके पानी में डूब सकते हैं। खेतों को भी भारी नुकसान पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि अगले दो दिन तक दिल्ली में भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में फिलहाल दिल्लीवालों को राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है।