27/12/2012 महामना विचार मंच ने मनाई मालवीय जी की जयंती
नई दिल्ली। वरिष्ठ साहित्यकार व पूर्व सांसद डा. रत्नाकर पाण्डेय ने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय ऐसे युग में अवतरित हुए जब देश विदेशी शासन की मार से त्रस्त था।
यह बात उन्होंने महामना विचार मंच दिल्ली द्वारा पूर्वी दिल्ली स्थित शिक्षक सदन में आयोजित महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती पर आयोजित समारोह में कही। इस मौके पर विधायक नसीब सिंह यमुनापार विकास बोर्ड के अध्यक्ष डा. नरेन्द्र नाथ, रोहताश नगर के विधायक विपिन शर्मा, निगम पार्षद महेन्द्र आहूजा, रतन सिंह पवार, जितेन्द्र सिंह शंटी भी मौजूद थे। कार्यकम की अध्यक्षता रामबाबू शर्मा ने की व संचालन मंच के महामंत्री ओजस्वी वक्ता रमेश बाबू व्यस्त ने किया।
विश्वास नगर के विधायक नसीब सिंह ने कहा मालवीय जी भारतीय संस्कृति के आलोक पुरुष थे उनके जीवन से हमें पेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा सबसे बड़ी बात यह है कि बुजुर्गों को तो उनके बारे में पता है लेकिन युवा पीढ़ी को हमें जानकारी देनी होगी व इस तरह के साहित्यिक कार्यकमों में युवाओं की भागीदारी भी बढ़ानी होगी।रोहताश नगर के विधायक विपिन शर्मा ने भी नसीब सिंह की बात का समर्थन करते हुए कहा कि अपने महापुरुषों के बारे में बच्चों को बताना हमारा कर्तव्य बनता है। यदि बच्चे महापुरुषों को नहीं जानते तो कहीं न कहीं हमारी गलती भी इसमें है। यमुना पार विकास बोर्ड के अध्यक्ष डा. नरेन्द्र नाथ ने कहा कि मालवीय जी अपने गुणों के कारण ही महामना कहलाए। यदि हम उनके आदर्शों को ग्रहण करें तो जीवन में कठिनाईयां अपने आप समाप्त हो जाएं। निगम पार्षद महेन्द्र आहूजा, जितेन्द्र सिंह शंटी, रतन सिंह पंवार ने भी मालवीय जी को विशिष्ट भाषा गिल्ली अद्भुत वक्ता और लेखनी के पबल पुरोधा के रूप में याद किया।महामंत्री रमेश बाबू व्यस्त के साहित्यिक गरिमापूर्ण संचालन में अवधेश कुमार चौबे के सम्पादन में लिखित पुस्तक कबीर की सूक्तियां का अतिथियों द्वारा लोकार्पण किया गया। मंच के अध्यक्ष राम बाबू शर्मा, पूर्व एनसीसी ऑफिसर ने लेखक को शॉल, पशस्ति पत्र, नारियल व महामना जी का तैल चित्र भेंट किए। अनेक संस्थाओं की ओर से भी उन्हें शॉल पहनाकर सम्मानित किया गया। कार्यकम की श्रीवृद्धि में जिन कवियों ने मार्मिक कविताएं पस्तुत की उनमें रमेश बाबू व्यस्त, अरुण शकुन, सुनहरी लाल तुरंत, ब्रज शुक्ल घायल, महेन्द्र चतुर्वेदी, राजेन्द्र राजा व विजय कौशिक विजय पमुख हैं। आयोजकों की ओर से जगदीश पसाद शर्मा, एमके शर्मा, घनश्याम गौड़, अजय अरोड़ा, दीपक शर्मा व अनिल पंडित आढ़ती की सकिय भूमिका विशेष उल्लेखनीय रही।
|