19/12/2012 आरबीआई करेगा नई मौद्रिक नीति का ऐलान
नई दिल्ली।। सरकार ने कहा है कि इकनॉमिक स्लोडाउन का सबसे बुरा टाइम बीत चुका है और महंगाई भी कम हो रही है। इस फाइनैंशल ईयर के दूसरे हाफ में ग्रोथ तेज होगी। इसके साथ ही सरकार ने आरबीआई से इकनॉमिक ग्रोथ तेज करने के लिए सपोर्ट मांगा, जो मंगलवार को क्रेडिट पॉलिसी रिव्यू करने जा रहा है। संसद में सरकार ने सोमवार को मिड ईयर इकनॉमिक रिव्यू पेश की। इसमें उसने कहा है कि इस फाइनैंशल ईयर में ग्रोथ 5.7-5.9 फीसदी रह सकती है। यह साल के पहले छह महीने की 5.4 फीसदी की ग्रोथ से ज्यादा है। इसका मतलब यह है कि सरकार सेकेंड हाफ में 6 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद कर रही है। इकनॉमिक रिव्यू के बहाने सरकार ने आरबीआई को पॉलिसी रेट में कटौती का संकेत दिया है। रिव्यू में कहा गया है, 'तेज ग्रोथ हासिल करने के लिए फिस्कल और मॉनिटरी पॉलिसी दोनों के सपोर्ट की जरूरत पड़ेगी। इससे इनवेस्टर्स का कॉन्फिडेंस भी बना रहेगा।'
आरबीआई मंगलवार को क्रेडिट पॉलिसी को रिव्यू करने जा रहा है। ज्यादातर एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि वह इसमें पॉलिसी रेट नहीं घटाएगा। आरबीआई पर इंडस्ट्री और फाइनैंस मिनिस्ट्री की ओर से रेट कट का काफी प्रेशर है। इन दोनों का मानना है कि अगर अभी इंटरेस्ट रेट कम किया जाता है तो इससे इकनॉमिक ग्रोथ तेज करने में मदद मिलेगी। इकनॉमिक रिव्यू में इसका संकेत भी दिया गया है कि अगर मंगलवार को पॉलिसी रेट में कमी नहीं होती, तो यह आगे चलकर जरूर होगी। इसके मुताबिक, 'इस फाइनैंशल ईयर के चौथे क्वार्टर से महंगाई में और कमी आ सकती है। अगर इस दौरान कमोडिटी की कम कीमत का साथ मिले, तो आरबीआई के लिए रेट कम करना आसान हो जाएगा।' मार्च अंत तक इसमें महंगाई दर के 6.8-7 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद जताई गई है। चीफ इकनॉमिक एडवाइजर रघुराम राजन फाइनैंस मिनिस्ट्री की इकनॉमिक डिवीजन के हेड हैं। यही इकनॉमिक रिव्यू रिपोर्ट तैयार करती है। उन्होंने कहा कि भारत की इकनॉमी में सुधार के साफ संकेत मिले हैं। हालांकि, ग्लोबल इकनॉमी की हालत अब भी खराब है।
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