19/12/2012 नए नियम ले पीएफ में जमा होगी ज्यादा रकम, पर घटेगी टेक होम सैलरी
नई दिल्ली।। एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (ईपीएफओ) का हालिया सर्कुलर लाखों लोगों के घरेलू बजट में उथल-पुथल मचा सकता है। इसके मुताबिक, पीएफ में जमा की जाने वाली रकम में कुछ और भत्तों को भी शामिल करने की बात है। पहली नजर में यह एंप्लॉयीज के लिए यह बेहतर जान पड़ता है, क्योंकि इससे हर महीने उनके खाते में ज्यादा पीएफ की रकम जमा हो सकेगी। हालांकि, एंप्लॉयर्स इसमें बढ़ोतरी नहीं चाहेंगे, क्योंकि इससे उनका खर्च बढ़ जाएगा। इस सर्कुलर के लागू होने की सूरत में कंपनियां अपनी सैलरी के स्ट्रक्चर में फेरबदल कर सकती हैं, ताकि उनके कॉस्ट टु कंपनी खर्च में बढ़ोतरी नहीं हो। इकनॉमिक टाइम्स के अनुमान के मुताबिक, अगर यह सर्कुलर लागू हो जाता है तो टेक होम सैलरी में 6-8 फीसदी की गिरावट हो सकती है।
फिलहाल एंप्लॉयी की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी पीएफ के लिए काटा जाता है। कंपनियां भी हर एंप्लॉयी के लिए इतनी ही राशि उसके पीएफ खाते में जमा करती हैं। पिछले साल मद्रास हाई कोर्ट और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा कि एंप्लॉयीज को मिलने वाले कई और भत्तों को भी पीएफ योगदान में जोड़ा जाना चाहिए। पिछले महीने ईपीएफओ ने इस संबंध में सर्कुलर जारी किया। इसके मुताबिक, पीएफ में योगदान संबंधी राशि का आकलन करते वक्त एंप्लॉयीज से जुड़े कई भत्तों को शामिल करने की बात है। रिटायरमेंट के लिए ज्यादा सेविंग्स अगर आप रिटायरमेंट प्लानिंग के हिसाब से सोचते हैं, तो यह बदलाव स्वागत योग्य है। हालिया आंकड़ों के मुताबिक, बेशक भारतीय लोगों की उम्र में इजाफा हो रहा है, लेकिन खराब सेहत के कारण उनके जीवन के आखिर दौर काफी मुश्किल भरे होते हैं। समस्या और गंभीर हो जाती है, जब बुढ़ापे में आपके पास पैसे नहीं हों। रिटायरमेंट लाइफ बेहतर बनाने के लिए आपको ज्यादा से ज्यादा बचत करने की जरूरत होती है और नए ईपीएफ नियम ज्यादा बचत की गुंजाइश बनाते हैं। हमारी कैलकुलेशन के मुताबिक, अगर ईपीएफओ का नया सर्कुलर लागू हो जाता है तो एंप्लॉयीज को औसतन अपनी सैलरी से 50 फीसदी ज्यादा अमाउंट रिटायरमेंट सेविंग्स में डालना होगा। हालांकि, जिनकी ईएमआई ज्यादा है और जिनके पास बाकी वित्तीय जिम्मेदारियां हैं, उन्हें दिक्कत पेश आ सकती है। वैसे, अभी तक यह तय नहीं है कि ये बदलाव किस तरह से लागू होंगे। कौन-कौन से भत्तों को पीएफ योगदान में शामिल किया जाएगा, इस पर अब भी दुविधा की स्थिति बनी हुई है। ईपीएफ नियमों के मुताबिक, बेसिक वेजेज का मतलब एंप्लॉयीज को हाउस रेंट अलाउंस, डियरनेस अलाउंस, ओवरटाइम अलाउंस, बोनस और कमिशन आदि को छोड़कर सभी तरह के भत्तों से है। इसका मतलब यह हुआ कि पीएफ के लिए बेसिक सैलरी के अलावा सिर्फ स्पेशल अलाउंस और ट्रांसपोर्ट अलाउंस को ही शामिल किया जाएगा।
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