18/08/2010 बिना ोच रहेंगे भारतीय पिस्टल शूटर
नई दिल्ली मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलं के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे समरेश जंग क पिछले प्रदर्शन के दहराव की उम्मीद नहीं है। उनका कहना है कि कच के बिना राष्ट्रमंडल खेलं अर एशिय्ााड में भारतीय्ा पिस्तल निशानेबाजं के प्रदर्शन पर असर पड़ना तय्ा है। मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेल में आठ में से पांच स्वर्ण समेत सात पदक जीतने वाले समरेश ने कहा, मुझे नहीं लगता कि पिछला प्रदर्शन मैं दहरा सकूंगा।
सबसे अहम कारण त य्ाह है कि मैं इस बार आठ स्पर्धाअं में भाग नहीं लूंगा। इसके अलावा पिस्तल कच के नहीं हने का असर हमारे प्रदर्शन पर निश्चित तर पर पड़ेगा। उन्हंने कहा कि दुनिय्ाा भर के निशानेबाज पेईचिंग अलंपिक के बाद से ही कच के साथ अभ्यास में जुटे हैं जबकि भारतीय्ां क अपने अनुभव के दम पर निशाना साधना पड़ रहा है। उन्हंने कहा, मुझे अंतरराष्ट्रीय्ा स्तर पर काफी अनुभव है ज काम आ रहा है लेकिन कच का हना बहुत जरूरी है। बिना मार्गदर्शन के एकलव्य्ा की तरह कब तक निशाना साधेंगे। खेल मंत्रालय्ा अर भारतीय्ा राष्ट्रीय्ा राइफल संघ के ढुलमुल रवैय्ो के कारण पिस्तल निशानेबाजं के पास नवंबर में चीन में हने वाले एशिय्ााई खेलं तक कई कच नहीं है। खेलमंत्री एम एस गिल ने महीना भर पहले खुद समरेश क कच की निय्ाुक्ति का आश्वासन दिय्ाा थी लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात। पेईचिंग अलंपिक के बाद जाबा ज्य्ारिख के अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किय्ाा गय्ाा अर तभी से पिस्तल निशानेबाज कच के बिना खेल रहे हैं। खेल मंत्रालय्ा ने रूसी कच एलेक्जेंडर मेलेंतिएव क छह महीने का करार देने की पेशकश की थी लेकिन इतने कम समय्ा के लिय्ो वह आने क तैय्ाार नहीं हुए। तीन से 14 अक्तूबर तक हने वाले राष्ट्रमंडल खेलं के छह ब्रांड दूत में से एक समरेश ने कहा कि कर्णीसिंह रेंज समय्ा पर उपलब्ध नहीं ह पाने का भी तैय्ाारिय्ां पर असर पड़ेगा अर भारत घरेलू परिस्थितिय्ां का उतना फाय्ादा नहीं उठा सकेगा। उन्हंने कहा, हमें पुणे में शिविर के दरान जितना अभ्यास मिल पाता है, उतना ही है। दिल्ली में कर्णीसिंह रेंज पर खेलगांव के खुलने के बाद ही हमें मिलेगी। स्वाभाविक है कि मेजबान हने का उतना फाय्ादा हम नहीं उठा सकेंगे लेकिन इन हालात में ही हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है। निशानेबाजं से पदकं की उम्मीद के बारे में पूछने पर उन्हंने कहा कि इस महीने के आखिर में चय्ान ट्राय्ाल के बाद टीम चुनी जाय्ोगी जिसके बाद ही कई कय्ाास लगाय्ाा जा सकेगा। उन्हंने कहा, टीम चुनी जाने के बाद ही पता चल पाय्ोगा कि हम कितने पदक जीतने की स्थिति में हंगे। वैसे मुझे पूरी उम्मीद है कि सुविधाअं के अभाव के बावजूद भारतीय्ा निशानेबाज अपने हुनर अर अनुभव के दम पर हमेशा की तरह अच्छा प्रदर्शन करेंगे। श्वास पर निय्ांत्रण के लिय्ो य्ाग का सहारा ले रहे समरेश ने बताय्ाा कि तेजस्विनी सावंत की तरह भारत के पास कई अच्छे निशानेबाज है लेकिन प्रतिय्ागिता के दिन प्रदर्शन पर ही सब निर्भर रहेगा। उन्हंने कहा, य्ाह टी-20 मैच की तरह है। प्रतिय्ागिता के दिन ज अच्छा खेल जाय्ो, वही सिकंदर। बाकी आगे पीछे का रिकार्ड बेमानी ह जाता है।
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