18/08/2010 बीजेपी की कृपा से पास होगा परमाणु दायित्व बिल
नई दिल्ली।। परमाणु दायित्व विधेयक को बीजेपी समर्थन देने के लिए तैयार हो गई है। यह विधेयक बुधवार को लोक
सभा में पेश किए जाने की संभावना है।
संसदीय स्थायी समिति ने इस बिल पर मंगलवार को अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है। समिति ने मुआवजे की राशि 500 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 1500 करोड़ रुपये करने और धारा 17 (बी) में उपकरण जोड़ने की सिफारिश की है जो किसी परमाणु हादसे की स्थिति में दायित्व तय करता है। बीजेपी की ओर से यह भी पर्याप्त स्पष्ट संकेत हैं कि सरकार ने उसके सुझावों को गंभीरता से लिया है और उन सुझावों को इस बिल में शामिल कर उसे संशोधित किया जा सकता है। बीजेपी ने इस बिल में मुख्य रूप से मुआवजा राशि बढ़ाने और ऑपरेटर के अलावा सप्लायर्स पर भी खमियाजा भुगतने की जिम्मेदारी डालने और दुर्घटना की हालत में गलतियों को सिद्ध करने की जिम्मेदारी से पीडि़तों को मुक्त करने जैसे संशोधन सुझाए हैं। बीजेपी के इस विधेयक को समर्थन देने के बाद लेफ्ट को छोड़ कर संसद में लगभग सभी दलों का इसे समर्थन मिल जाएगा।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह परमाणु दायित्व विधेयक को अमेरिका के राष्ट्रपति बाराक ओबामा की भारत यात्रा से पहले पारित कराने के इच्छुक हैं। ओबामा नवंबर में भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। उससे पहले संसद का केवल मौजूदा सत्र ही है। इसलिए सरकार इस विधेयक को इसी सत्र में पारित कराने में लगी है।
विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय की स्थायी समिति ने विपक्ष की लगभग सभी चिंताओं को हल करते हुए अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है। स्थायी समिति की रिपोर्ट बुधवार को संसद में पेश की जाएगी। इस रिपोर्ट में विदेशी सप्लाई के दायित्व के बारे में विपक्ष की चिंता को भी शामिल किया गया है।
कमिटी का सुझाव है कि उपकरणों के लेटेंट (तकनीकी खामी) और पेटेंट की कमियों को बिल की 17 बी की धारा में शामिल करने की सिफारिश की है। इससे परमाणु दुर्घटना के वक्त दायित्व तय किया जा सकेगा और दोषी विदेशी सप्लायर्स को अपनी जिम्मेदारी से भागने नहीं दिया जाएगा।
इसी धारा में सप्लायर्स की जानबूझ कर की गई भूल या लापरवाही बरतने के बारे में दायित्व तय करने का भी प्रावधान शामिल करने की बात कही गई है। मुआवजा राशि के बारे में विपक्ष की चिंता को ध्यान में रखते हुए समिति ने मुआवजा राशि की सीमा 500 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 1500 करोड़ रुपये कर दी है।
इसे समय-समय पर अधिसूचित किया जा सकेगा। मुआवजे का दावा करने की समय सीमा भी 10 साल से बढ़ा कर 20 साल करने के लिए समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में सिफारिश की है।
ऑपरेटर की परिभाषा में संशोधन कर किसी प्रायवेट ऑपरेटर के इसमें शामिल होने की बीजेपी की आशंका का भी समाधान किया गया है। रिपोर्ट पर बीजेपी के अलावा एसपी, जेडी (यू), आरजेडी, एमडीएमके, एनसीपी और एनसी ने अपनी सहमति व्यक्त की है, जबकि सीपीआई, मार्क्सवादी पार्टी, फॉरवर्ड ब्लॉक ने अपनी असहमति दर्ज कराई है।
बीजेपी के समिति में सदस्य एस. एस. अहलूवालिया ने कहा कि पार्टी की कुछ चिंताएं थीं जिन पर सरकार के साथ पिछले सप्ताह और मंगलवार को विचार विमर्श कर दूर कर लिया गया।
सरकार पर बरसा लेफ्ट सीपीएम ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार परमाणु दायित्व बिल को संसद में पास कराने पर आमादा है, जबकि यह भी साफ है कि अमेरिका दुहरे इस्तेमाल वाली तकनीक की सप्लाई पर से प्रतिबंध नहीं हटाएगा। इसके अलावा लेफ्ट दलों ने मुआवजे की राशि 500 करोड़ से बढ़ाकर 10 हजार करोड़ करने की मांग की।
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