सोमवार को रांगिरी दाम्बुला अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में सोमवार को खेले गए मैच में सहवाग को आखिरी बॉल नो बॉल फेंककर श्रीलंका का गेंदबाज रंदीव सूरज खलनायक हो गए थे। ऐसा कहा जा रहा था कि रंदीव ने जानबूझकर नो बॉल फेंकी थी। इसकी वजह से आखिरी बॉल पर छक्का मारकर भारत को जीताने के बावजूद सहवाग शतक से चूक गए थे। सहवाग के सिर्फ 99 रन ही माने गए थे। हालांकि भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को इसका अफसोस नहीं है। उनका कहना है कि 99 हो या सौ उनके लिए कोई फर्क नहीं पड़ता।
सहवाग की सूझबूझ और संयम से भरी नाबाद 99 रनों की पारी की बदौलत भारत ने श्रीलंका को छह विकेट से पराजित कर दिया। भारत को जब जीत के लिए एक रन की दरकार थी और उस वक्त सहवाग 99 के स्कोर पर स्ट्राइक संभाल रहे थे। उस वक्त गेंद रंदीव के हाथों में थी। ऐसे में सभी को लग रहा था कि वह आसानी से एक रन बनाकर अपना शतक पूरा कर लेंगे लेकिन रंदीव ने ऐसा लगा मानों सहवाग को शतक से रोकने के लिए जानबूझकर नो गेंद डाल दी। इस नो गेंद के साथ ही भारत ने मैच तो जीत लिया लेकिन सहवाग एक रन से शतक बनाने से चूक गए।
इस घटनाक्रम के साथ ही क्रिकेट में एक नई बहस भी आरंभ हो गई कि वह नो गेंद सहवाग के खाते में जोड़ी गई जबकि उन्होंने उसका सामना भी नहीं किया। नो गेंद के साथ ही मैच भी खत्म हो गया था। इस बारे में सहवाग ने कहा कि क्रिकेट में ऐसा होता रहता है। विरोधी टीम नहीं चाहती कि कोई खिलाड़ी उसके खिलाफ शतक लगाए। उन्होंने अपने तरफ से भरपूर कोशिश की लेकिन मेरे लिए 99 हो या 100 कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि हां मैं उस गेंद पर छक्का जड़ने की योजना बना रहा था, लेकिन...।
बीसीसीआई के मुताबिक इस मामले को निपटा लिया गया है वो श्रीलंका बोर्ड से इस मामले को नही उठाएगी। लेकिन आईसीसी की टेक्निकल कमेटी इस बात की जांच कर सकती है। इस बारे में जब श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में पता नहीं है। हां, निश्चित तौर पर वह शतक के हकदार थे। पूरे मैच में वह महत्वपूर्ण कारक थे।