14/08/2010 हिंसा का राह छोड़ें नक्सली:राष्ट्रपति
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़ समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा कि बातचीत के जरिये ही मुद्दों का समाधान ढूंढा जा सकता है|
राष्ट्रपति ने 64वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा कि उग्र विचारधाराओं के प्रवर्तकों और वामपंथी उग्रवाद के हिमायतियों को हिंसा का रास्ता छोड़ देना चाहिए. मैं उनका आह्वान करती हूं कि वे तरक्की और विकास के राष्ट्रीय प्रयासों में शामिल हों| मुझे उम्मीद है कि सिविल समाज के सभी सदस्य और सभी व्यक्ति आगे आकर उनको इस दिशा में आगे बढने में सहयोग देंगे| राष्ट्रपति ने आतंकवाद को विश्व शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया।लेह त्रासदी पर जताई संवेदना :- लेह में बादल फटने की घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए पाटील ने कहा, इस घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले, इसमें घायल होने वाले तथा जिनकी संपत्ति नष्ट हुई है, उन सभी के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं। बापू, नेहरू और विवेकानंद का उल्लेख:- राष्ट्रपति ने अपने भाषण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और स्वामी विवेकानंद का जिक्र किया। उन्होंने कहा, पंडित नेहरू ने एक बार गांधी को भारत की एक ऐसी सनातन आत्मा बताया था, जिसने स्वतंत्रता की मशाल को जलाए रखा। स्वामी विवेकानंद ने भारत का उल्लेख एक ऐसी प्राचीन भूमि के रूप में की जिसे ज्ञान ने किसी दूसरे देश में जाने से पहले अपना घर बनाया।
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