12/08/2010 जाति गनगणना को मिली हरी झंडी
कई महीनों की बहस और अनिश्चितता के बाद आख़िर केंद्र के मंत्रिमंडल समूह ने जाति आधारित जनगणना को मंज़ूरी दे दी है|जाति के आधार पर जनगणना आख़िरी बार 1931 में हुई थी|
जनगणना में जाति को शामिल करने के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) की ओर से बुधवार रात हरी झंडी मिलने के साथ इस मुद्दे पर महीनों की अनिश्चितता को विराम लग गया। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाले जीओएम ने राजनीतिक आम सहमति के लिए तय की गई समय सीमा के समाप्त होने के बाद कुछ दिनों तक बैठक की थी।
जनगणना में बायोमेट्रिक चरण दिसम्बर से शुरू होने की संभावना है जिसमें राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के लिए नागरिकों की फोटोग्राफी, फिंगरप्रिंटिंग और आंखों के आइरिस की मैपिंग करना शामिल है। एक अप्रैल से शुरू हुई भारत की जनगणना में जाति को शामिल करने के लिए अधिकतर पार्टियों ने समर्थन किया है।
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