हाथ में हथकड़ी
सपने जमीन पर
मकान गिरवी
जमीन बिक गई

International: अमेरिका ऱाष्ट्रपति ट्रम्प के आदेश पर अमेरिका ने अवैध प्रवासी बताते हुये 104 भारतीयों को भारत डिपार्ट कर गिया है इतना ही नही वहां की सरकार ने इन भारतीयों को हाथ मे हथकड़ी और पैरो मे बेड़ियां डालकर वापस भेजा है जिसके बाद विपक्ष को एक भारी मुद्दा मिल गया है विपक्ष के सासंदो ने हथकड़ी पहनकर संसद मे विरोध प्रदर्शन किया और संसद मे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से पूछा कि आज राजनीति से ऊपर उठकर 140 करोड़ भारतीयों का सीना छलनी है। सपने जमीन पर, हाथ में हथकड़ी और स्वाभिमान धूमिल हो गया है।
ऐसे में मैं सरकार से 4 बातें पूछना चाहूंगा-

1. क्या मोदी सरकार जानती है कि 5 फरवरी को 104 भारतीयों को 40 घंटे की यात्रा में हाथ में हथकड़ी और पांव में जंजीरें पहनाकर अमानवीय तरीके से भारत भेजा गया। जिसमें 19 महिलाएं भी शामिल थीं। वहां इन सभी के लिए सिर्फ एक शौचालय था।
क्या सरकार जानती है कि अमेरिका में ऐसे 7.25 लाख भारतीय हैं, जिन्हें अमेरिका इसी तरह से निकालने की तैयारी कर रहा है?
क्या ये भारतीयों के साथ किसी उग्रवादी जैसा व्यवहार है या मानवीय व्यवहार है?
2. ऐसे कितने और भारतीय हैं, जिन्हें अमेरिका ने इसी अमानवीय तरीके से डिटेंशन सेंटर में बंद कर रखा है। क्या उन्हें काउंसलर एक्सेस दिया गया है?
3. क्या 100 करोड़ रुपए खर्च कर ‘नमस्ते ट्रंप’ करने वाली मोदी सरकार ये समझती है कि-
हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा करने वाली आपकी सरकार, लोगों को रोजगार और रोटी नहीं दे पाई।
सरकार इन सभी लोगों के लिए अब क्या करेगी?
4. जब कोलंबिया जैसा छोटा सा देश अमेरिका को ‘लाल आंख’ दिखाकर अपने नागरिकों को अपमानित होने से बचा सकता है, तो नरेंद्र मोदी ऐसा क्यों नहीं कर सकते?
आज सबसे बड़े मुद्दे पर मोदी सरकार चुप क्यों है ?
हाथ में हथकड़ी
सपने जमीन पर
मकान गिरवी
जमीन बिक गई
एक बेहतरीन जिंदगी की तलाश में भारत के सात लाख 25 हजार लोगों को अमेरिका से देश निकाला किया जा रहा है। और जिस प्रकार से माल ढोने वाले जहाज में हमारे 104 लोगों को हथकड़ी हाथ में लगाकर,पांव में जंजीर लगाकर आतंकवादी की तरह अमेरिका ने कल भारत भेजा है,यह दिल दहलाने वाला है, यह दर्दनाक है
संसद में हंगामा और विदेश मंत्री का पलटवार!
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि अवैध प्रवासियों की वापसी कोई नई प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत जारी प्रक्रिया है।
अमेरिका से 2009 से अब तक हजारों अवैध प्रवासियों को वापस भेजा गया है, और यह प्रक्रिया कानूनी ढांचे के अंतर्गत संचालित होती है।।

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