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विद्यार्थियों के लिये सूचना-कौनसी यूनिवर्सिटी में 1 फरवरी से शुरू हो रही दाख़िले की ऑनलाइन प्रक्रिया

आईपी यूनिवर्सिटी में 1 फरवरी से शुरू होगी दाख़िले की ऑनलाइन प्रक्रिया, प्रवेश पुस्तिकाएँ जारी

नई दिल्ली- गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जीजीएसआईपीयू) से संबद्ध 106 कॉलेजों और 18 विश्वविद्यालय स्कूलों में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी कार्यक्रमों में 40,000 से अधिक सीटों पर अकादमिक सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की गई।

यूनिवर्सिटी के पूर्वी परिसर में आयोजित आयोजित एक कार्यक्रम में कुलपति पद्मश्री प्रो. ( डॉ.) महेश वर्मा ने स्नातक, परा-स्नातक और पीएचडी कार्यक्रमों की दाख़िला पुस्तिकाएँ जारी की।

इस शैक्षणिक सत्र से शुरू किए गए कुछ नए पाठ्यक्रमों में शामिल हैं – एमएससी इन मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स, एमएससी इन माइक्रोबायोलॉजी, बीपीटी, एलएलबी (3 साल का), एप्लाइड जियोइन्फॉर्मेटिक्स में पीजी प्रोग्राम और रेडियोलॉजिकल फिजिक्स में पीजी डिप्लोमा।

इस वर्ष विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न कार्यक्रमों में लगभग 250 अतिरिक्त सीटें जोड़ी गई हैं, जबकि पिछले वर्ष 1600 नई सीटें जोड़ी गई थीं।

कुलपति ने कहा कि मास्टर डिग्री के 46 स्ट्रीम, 40 पीएचडी और स्नातक डिग्री कार्यक्रमों की 34 विषयों में दाख़िले के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 1 फरवरी, 2025 से शुरू हो जाएगी।कक्षाएं अगस्त से शुरू होंगी।

विश्वविद्यालय स्कूलों में प्रत्येक प्रोग्राम में एक सीट एकल लड़की कोटे के लिए आरक्षित होगी। किसी विशेष कार्यक्रम में प्रवेश का अधिकतम 2% विश्वविद्यालय स्कूलों में खेल कोटा के तहत भरा जाएगा। कुल 52 सामान्य प्रवेश परीक्षाएं (सीईटी) 26 अप्रैल से लेकर 18 मई, 2025 के बीच आयोजित की जाएंगी। आवेदकों की सुविधा के लिए दिल्ली से बाहर भी प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।एमबीए (कैट के माध्यम से), एलएलबी और एलएलएम (क्लैट यूजी/पीजी के माध्यम से) के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग 1 मई से शुरू होगी। अन्य कार्यक्रमों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन काउंसलिंग 2 जून से शुरू होगी। विभिन्न प्रवेश मोड में शामिल हैं -जेईई मेन्स, नीट यूजी, पीजी और एसएस, कैट, सीएमएटी, निम्सेट, क्लैट-यूजी और पीजी, यूसीडी, नाटा आदि के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं। सामान्य प्रवेश परीक्षाएं / सीयूईटी यूजी और पीजी और कुछ कार्यक्रमों में योग्यता परीक्षाओं के मेरिट के माध्यम से प्रवेश होगा। रिक्त सीटों के लिए प्रवेश सीयूईटी के माध्यम से 20 स्नातक डिग्री कार्यक्रमों और 18 स्नातकोत्तर डिग्री कार्यक्रमों में होंगे।

आवेदकों की सहूलियत के लिए आवेदन शुल्क और काउन्सलिंग भागीदारी शुल्क इस बार एक मुश्त 2500 रुपये लिए जाएँगे।

यूनिवर्सिटी हर साल अपने फंड से विभिन्न स्तर के ईडबल्यूएस श्रेणी के छात्रों को दाख़िले के बाद फ़ीस के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस सहायता राशि को इस साल से ढाई करोड़ रुपए से बढ़ा कर साढ़े तीन करोड़ करने का फ़ैसला लिया गया है ताकि अधिक से अधिक छात्र इस स्कीम से लाभान्वित हो सकें।उन्होंने बताया कि गुआना सरकार के सहयोग से यूनिवर्सिटी अपना पहला ऑफ़शॉर कैम्पस वहाँ खोलेगी।

द्वारका कैम्पस में चल रहे चार वर्षीय बीए इन लिबरल आर्ट्स में अब इंटेक 60 की जगह 80 की होगी। इसमें पहले से चल रहे राजनीति शास्त्र, इतिहास और समाजशास्त्र के अलावा मनोविज्ञान को भी शामिल कर लिया गया है।

ईस्ट दिल्ली कैम्पस में चल विभिन्न बी॰ टेक प्रोग्राम में दाख़िले के लिए अब लैटरल एंट्री का ऑप्शन भी होगा। यह ऑप्शन बी॰ फार्म में भी होगा।

कुछ नए प्रवेश मोड विभिन्न कार्यक्रमों में इस प्रकार शामिल किए गए हैं:

  • बीएससी नर्सिंग में पोस्ट बेसिक: पहले केवल सीईटी थी। इस साल साक्षात्कार और योग्यता परीक्षाओं का मेरिट भी शामिल किया गया है।
  • भौतिकी, रसायन विज्ञान / गणित में बीएससी एमएससी डुअल डिग्री: पहले जेईई मेन स्कोर और सीयूईटी थे। इस साल सीईटी और योग्यता परीक्षा का मेरिट भी शामिल किया गया है।
  • एमएस पैकेजिंग टेक्नोलॉजी: पहले केवल सीईटी और सीयूईटी थे। इस साल जीएटीई, यूजीसी-नेट, सीएसआईआर-नेट भी शामिल किए गए हैं।
  • बीएस पैकेजिंग टेक्नोलॉजी: पहले केवल सीईटी और सीयूईटी थे। इस साल जेईई एडवांस्ड, जेईई मेन्स, नीट भी शामिल किए गए हैं।
  • एम.टेक. (फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी): पहले केवल जीएटीई और सीईटी थे। अब योग्यता परीक्षा का मेरिट भी शामिल किया गया है।
  • एम.टेक. (बायोटेक्नोलॉजी): पहले केवल जीएटीई और सीईटी थे। अब योग्यता परीक्षा का मेरिट भी शामिल किया गया है।
  • बीएससी (पर्यावरण विज्ञान): पहले केवल सीयूईटी और योग्यता परीक्षा का मेरिट था। अब सीईटी भी शामिल किया गया है।
  • एमएससी (पर्यावरण प्रबंधन): पहले केवल सीयूईटी और योग्यता परीक्षा का मेरिट था।अब सीईटी भी शामिल किया गया है। इस मौके पर डॉ. कमल पाठक, प्रोफेसर, दुर्गेश त्रिपाठी, डॉ. सचिन भारती, प्रोफेसर अनिल सैनी, प्रोफेसर उदयन घोष, डॉ. विजय कुमार, डॉ. दीपक शर्मा, अजय अरोड़ा, प्रोफेसर तनु डांग नलिनी रंजन साहित काई शिक्षक और अधिकारी मौजुद रहे।
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