देश के 94 शहरों को ट्रैफिक जाम की समस्या से मुक्ति दिलाने की दिशा में केंद्र सरकार काम कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार नीति लाएगी। इस योजना में राज्यों की राजधानियों के साथ ही दस लाख से अधिक आबादी वाले शहर शामिल होंगे। सड़क परिवहन मंत्रालय राज्यों के साथ मिलकर रिंग रोड व बाईपास परियोजनाओं पर क्रियान्वयन करेगा।
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मनीष तिवारी, नई दिल्ली। हताश-निराश कर देने वाले जाम से जूझते शहरों में सड़कों की भीड़भाड़ कम करने के लिए केंद्र सरकार एक महत्वपूर्ण योजना पर काम कर रही है। सरकार ने राज्यों की राजधानियों समेत दस लाख से अधिक आबादी वाले 94 शहरों में जाम की समस्या के स्थायी समाधान के लिए रिंग रोड, बाईपास समेत अन्य उपाय करने की योजना बनाई है।
वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद इसका विवरण सार्वजनिक किया जाएगा। शहरी परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस योजना में राज्यों की भी भूमिका अहम होगी। उन्हें भूमि अधिग्रहण की लागत वहन करने के साथ ही कुछ और कदम उठाने होंगे। इसके बाद मंत्रालय कॉरिडोर आधारित सड़क निर्माण की दिशा में आगे बढ़ेगा।
यूपी के इन शहरों को किया गया चिन्हित
योजना में जिन शहरों को चिह्नित किया गया है, उनमें उत्तर प्रदेश से राजधानी लखनऊ के साथ ही वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, आगरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, मेरठ, बरेली और मध्य प्रदेश में भोपाल के साथ ही इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन शामिल हैं।
भीड़भाड़ वाले शहरों को मिलेगी प्राथमिकता
अधिकारी ने कहा कि कई राज्य सरकारों ने रायल्टी छोड़ने के साथ ही जीएसटी की क्षतिपूर्ति जैसे कदमों के प्रति सहमति जताई है और उनके सकारात्मक रुख के बाद मंत्रालय ने अपना प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेज दिया है। योजना के तहत शहरों में काम प्राथमिकता के आधार पर होगा यानी जहां जितनी अधिक भीड़भाड़ है, वहां काम पहले होगा।
पहले चरण में 30 शहरों का चयन
पहले चरण में तीस शहरों को लिया जा सकता है। शहरों में जाम की समस्या से मुक्ति के लिए रिंग रोड की जरूरत है या बाईपास की, इसका आकलन राज्यों को ही करना है। अधिकारी ने कहा कि बहुत से शहरों के पास से एनएच और एक्सप्रेस-वे निकले हैं और उन तक पहुंच सुविधाजनक है। इसके कारण भी मौजूदा सड़कों पर दबाव पड़ रहा है। इसलिए मंत्रालय इन 94 शहरों में इस कमी को भी दूर करने जा रहा है।
इन शहरों में भी लगता है भयंकर जाम
जाम से मुक्ति के लिए यह अहम कदम होगा, क्योंकि इससे पुरानी सड़कों पर जोर कम होगा। सूरत, वडोदरा, राजकोट, औरंगाबाद पुणे, नागपुर, थाणे, लुधियाना, अमृतसर, नाशिक, फरीदाबाद, गुरुग्राम, धनबाद, कोयबंटूर, जोधपुर, कोटा और मदुरई भी उन शहरों में हैं जहां जाम की समस्या के समाधान के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय प्रयास कर रहा है।
इसी साल शुरू होंगी पायलेट परियोजनाएं
अधिकारी ने कहा कि इस योजना के तहत पायलट परियोजनाएं इसी साल शुरू होंगी, लेकिन इसके पहले वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस नीति में परिवहन के माध्यमों का एकत्रीकरण भी शामिल है।