सरकार ने 15 सितंबर, 2025 से 30 दिनों के लिए घरेलू उपकरणों (एसी और एलईडी लाइट) के लिए पीएलआई योजना हेतु आवेदन विंडो फिर से खोल दी है
आवेदन विंडो 15 सितंबर, 2025 से 14 अक्टूबर, 2025 तक खुली रहेगी
घरेलू उपकरणों (एसी और एलईडी लाइट्स) के लिए पीएलआई योजना हेतु आवेदन विंडो, उद्योग जगत की इस योजना के अंतर्गत और अधिक निवेश करने की इच्छा के आधार पर पुनः खोली जा रही है। यह पीएलआईडब्ल्यूजी योजना के तहत भारत में एसी और एलईडी लाइट्स के प्रमुख पुर्जों के निर्माण से उत्पन्न बढ़ते बाजार और विश्वास का परिणाम है। आवेदन विंडो, समय-समय पर संशोधित, 16.04.2021 को अधिसूचित पीएलआईडब्ल्यूजी योजना और 04.06.2021 को जारी पीएलआईडब्ल्यूजी योजना दिशानिर्देशों में निर्धारित नियमों और शर्तों पर खोली जा रही है।
योजना के लिए आवेदन विंडो 15 सितंबर, 2025 से 14 अक्टूबर, 2025 (दोनों तिथियां सम्मिलित) तक ऑनलाइन पोर्टल URL https://pliwg.dpiit.gov.in/पर खुली रहेगी। आवेदन विंडो बंद होने के बाद कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
किसी भी भेदभाव से बचने के लिए, नए आवेदक और साथ ही पीएलआईडब्ल्यूजी के मौजूदा लाभार्थी, जो उच्च लक्ष्य खंड में स्विच करके अधिक निवेश करने का प्रस्ताव रखते हैं या उनकी समूह कंपनियां अलग लक्ष्य खंड के तहत आवेदन करती हैं, वे योजना दिशानिर्देशों के पैरा 5.6 में उल्लिखित पात्रता शर्तों को पूरा करने और योजना दिशानिर्देशों के परिशिष्ट-1 या परिशिष्ट-1 ए में उल्लिखित निवेश अनुसूची का पालन करने के अधीन आवेदन करने के लिए पात्र होंगे।
अब तक पीएलआई योजना के तहत 10,406 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 83 आवेदकों को लाभार्थियों के रूप में चुना गया है। इस निवेश से संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स के पुर्जों का निर्माण होगा। इसमें वे पुर्जे भी शामिल हैं जिनका वर्तमान में भारत में पर्याप्त मात्रा में निर्माण नहीं होता है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान के अनुसरण में, 07.04.2021 को एयर कंडीशनर (एसी) और एलईडी लाइटों के कलपुर्जों और सब-असेंबली के निर्माण के लिए घरेलू उपकरणों हेतु पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य विनिर्माण को केंद्र में लाना और भारत के विकास को गति देने तथा रोजगार सृजन में जोर देना है। यह योजना वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2028-29 तक, सात वर्षों की अवधि में क्रियान्वित की जाएगी और इसका परिव्यय 6,238 करोड़ रुपये है।