Friday, February 21, 2025
No menu items!
Google search engine
Homeउत्तर प्रदेशगंगा नदी की स्वच्छता और संरक्षण के लिए जागरूक कर रहा महाकुम्भ

गंगा नदी की स्वच्छता और संरक्षण के लिए जागरूक कर रहा महाकुम्भ

महाकुम्भ-2025 में नमामि गंगे मिशन द्वारा प्रयागराज में स्थापित नमामि गंगे पवेलियन में प्रतिदिन काफी संख्या में दर्शकों आ रहे हैं। यह पवेलियन गंगा नदी की स्वच्छता और संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने का अभिनव माध्यम बन चुका है। इस पवेलियन की शुरुआत इंटरएक्टिव बायोडायवर्सिटी टनल से होती है, जो आगंतुकों को गंगा की जैव विविधता और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कराती है। आधुनिक प्रोजेक्शन तकनीक से सुसज्जित यह टनल गंगा के तटों पर रहने वाले पक्षियों की चहचहाहट और जीवनदायिनी गंगा की महत्ता को दर्शाती है।

डिजिटल प्रदर्शनी पवेलियन का मुख्य आकर्षण
पवेलियन का मुख्य आकर्षण डिजिटल प्रदर्शनी है, जिसमें गंगा की स्वच्छता और संरक्षण के लिए किए गए विभिन्न प्रयासों को रोचक और शिक्षाप्रद तरीके से प्रदर्शित किया गया है। प्रयाग मंच,जो गंगा-यमुना और उनकी सहायक नदियों के रियल-टाइम डेटा का प्रदर्शन करता है, यह भी यहां का प्रमुख आकर्षण है। इस मंच पर नदी के जल स्तर, स्वच्छता और प्रदूषण से संबंधित आंकड़े प्रस्तुत किए जाते हैं।

गंगा की स्वच्छता के लिए सरकार के प्रयास भी जान रहे दर्शक
पवेलियन में गंगा के किनारों पर किए गए रिवरफ्रंट डेवलपमेंट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की कार्यप्रणाली को भी दर्शाया गया है। यह प्रदर्शनी आगंतुकों को यह समझने में मदद करती है कि गंगा की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए सरकार और संगठनों द्वारा किस प्रकार से तकनीकी और संरचनात्मक प्रयास किए जा रहे हैं। नमामि गंगे पवेलियन में गंगा नदी में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं जैसे गांगेय डॉल्फिन, कछुए, मगरमच्छ और मछलियों की प्रतिकृतियां भी प्रदर्शित की गई हैं। यह पहल खासकर बच्चों और युवाओं के लिए ज्ञानवर्धक साबित हो रही है, जिससे वे गंगा की जैव विविधता और उसके संरक्षण के महत्व को समझ पा रहे हैं। 

एनबीटी ने स्थापित किया है रीडिंग कॉर्नर
प्रदर्शनी में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (NBT) द्वारा विशेष रीडिंग कॉर्नर स्थापित किया गया है, जहां गंगा, महाकुम्भ, समाज नीति और राष्ट्रीय गौरव से संबंधित पुस्तकों का संग्रह उपलब्ध है। यह कोना गंगा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्ता को जानने के इच्छुक लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।

गणपति की मूर्ति भी भावनात्मक जुड़ाव को बना रही प्रबल
भारतीय वन्यजीव संस्थान, गंगा टास्क फोर्स और आईआईटी दिल्ली जैसे संस्थानों द्वारा गंगा के विलुप्त प्रजातियों के संरक्षण, जन जागरूकता और अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित जानकारियां साझा की जा रही हैं। यह जानकारी गंगा के महत्व को रेखांकित करने और लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है। पवेलियन में श्री गणेश और उनके वाहन मूसक की मूर्ति स्थापित है, जो गंगा की पवित्रता और स्वच्छता का संदेश देती है। यह मूर्ति सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव को प्रबल बनाती है। 

आकर्षण का केंद्र बना है पवेलियन
नमामि गंगे मिशन ने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति, इतिहास और आर्थिक जीवन का अभिन्न अंग है। इसे स्वच्छ और संरक्षित रखना हर नागरिक का कर्तव्य है। यह अत्याधुनिक और रचनात्मक पवेलियन न केवल गंगा के महत्व को समझाने में सफल हो रहा है, बल्कि महाकुम्भ-2025 के मुख्य आकर्षणों में से एक बन गया है।

RELATED ARTICLES

2 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments