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उत्तराखंड सी एम धामी ने किया लागू-यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC)

उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 से यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को घोषणा की थी कि राज्य सरकार सोमवार से UCC के नियमों को लागू करने जा रही है। UCC लागू होने के साथ ही उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने यह ऐतिहासिक कदम उठाया है।

UCC लागू होने से राज्य में कई महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं। इसके तहत समाज में समानता और नागरिक अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने इस कानून को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया और UCC से संबंधित एक पोर्टल भी आज लॉन्च किया जाएगा।


UCC लागू होने से क्या बदलाव होंगे?

  1. समान कानून:
  • सभी धर्मों और समुदायों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए समान कानून लागू होगा।
  1. शादी का पंजीकरण अनिवार्य:
  • विवाह के 6 महीने के भीतर शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
  • 26 मार्च 2010 से पहले की शादियों का रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं होगा।
  • पंजीकरण न कराने पर अधिकतम ₹25,000 का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • पंजीकरण नहीं कराने पर सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
  1. महिलाओं को समान अधिकार:
  • महिलाओं को पुरुषों के समान तलाक का अधिकार होगा।
  • संपत्ति में बेटा-बेटी दोनों को बराबर का अधिकार मिलेगा।
  • जायज और नाजायज बच्चों के बीच कोई भेदभाव नहीं होगा।
  1. बहुविवाह और हलाला पर रोक:
  • UCC लागू होने से बहुविवाह और हलाला जैसी प्रथाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी।
  1. शादी की उम्र समान:
  • लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी, चाहे उनका धर्म या जाति कुछ भी हो।
  1. लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य:
  • लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
  • अगर कपल की उम्र 18-21 साल है, तो उन्हें माता-पिता की सहमति पत्र भी देना होगा।
  1. उत्तराधिकार में समानता:
  • लड़कियों को लड़कों के बराबर उत्तराधिकार का हक मिलेगा।
  1. विशेष छूट:
  • अनुसूचित जनजातियों (Schedule Tribes) को UCC के दायरे से बाहर रखा गया है।
  • धार्मिक परंपराओं, पूजा-पद्धति और ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि UCC लागू करने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम समाज में समानता लाने और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार व जिम्मेदारियां सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

UCC के लिए लंबी तैयारी

UCC लागू करने से पहले, विशेषज्ञ समिति ने राज्य के लोगों से व्यापक विचार-विमर्श और परामर्श किया। लोगों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए इस कानून को अंतिम रूप दिया गया। हाल ही में राज्य कैबिनेट ने UCC की नियमावली को मंजूरी दी थी।


UCC का महत्व

UCC का लागू होना न केवल समान नागरिक अधिकार सुनिश्चित करेगा बल्कि समाज में व्याप्त भेदभाव और असमानताओं को भी कम करेगा। उत्तराखंड का यह ऐतिहासिक कदम अन्य राज्यों को भी समान नागरिक संहिता लागू करने की प्रेरणा देगा।

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