28/09/2012 ट्रेन टिकट रद्द कराना पड़ेगा महंगा
नई दिल्ली : ट्रेन टिकट खरीदने वाले यात्रियों को अब टिकट रद्द कराने पर ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा. रेलवे अगले महीने से एसी श्रेणी के टिकटों की बिक्री के समय सर्विस टैक्स तो वसूल करेगा, लेकिन रद्द करने पर केवल टिकट के पैसे ही वापस देगा. यात्री को टैक्स की राशि के लिए काउंटर से एक सर्टिफिकेट मिलेगा. इसके आधार पर वह टैक्स डिपार्टमेंट से पैसे वापस पाने के लिए क्लेम कर सकता है, जो कि व्यवहारिक रूप से काफी मंहगा पड़ेगा. रेलवे ने पहली अक्टूबर से एसी श्रेणी के सभी टिकटों पर 3.7 प्रतिशत कर (शिक्षा उपकर सहित) लगाने का फैसला लिया है. रेलवे में बड़ी संख्या में लोग कई दिन पहले प्रतीक्षा सूची में टिकट बुक करा लेते हैं. आरक्षण न मिलने अथवा अन्य कारणों से टिकट रद्द कराने पर रेलवे सीधे यात्री को पैसे लौटा देता है. ऑनलाइन बुकिंग से टिकट रद्द कराने वाले लोगों को भी आईआरसीटीसी कुछ पैसे काटकर संबंधित व्यक्ति के खाते में पैसा लौटा देती है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे सर्विस टैक्स वित्त मंत्रालय के नियमों के तहत वसूल करेगा. इसलिए एक बार यात्री द्वारा पैसा जमा कराने के बाद उसे सीधे लौटाने का अधिकार रेलवे को नहीं होगा. रेलवे उक्त टिकट पर लिए गए टैक्स को वापस लेने के लिए एक सर्टिफिकेट जारी करेगा. रेलवे के सीनियर अफसर से काउंटर साइन के बाद टैक्स विभाग में सर्टिफिकेट जमा कराना होगा. रेलवे के अधिकारी सवाल खड़ा कर रहे हैं कि क्या एक हजार रुपये के टिकट पर 37 रुपये के सर्विस टैक्स को वापस पाने के लिए यात्री इतनी झंझट उठाने को तैयार होंगे. इस भागदौड़ में समय व पैसे का अपव्यय होगा वह अलग. रेलवे अफसरों का मानना है कि टिकट रद्द कराने वाले ज्यादातर यात्री सर्विस टैक्स के लिए दावा ही नहीं करेंगे. यही नहीं ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले यात्रियों को किस तरह टैक्स की राशि लौटाई जाएगी, इस पर भी अभी तक रेलवे ने कोई फैसला नहीं लिया है.
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