24/09/2012 अन्ना के एक और सहयोगी सुरेश पठारे ने छोड़ा उनका साथ
अन्ना हजारे के एक करीबी सहयोगी सुरेश पठारे ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देकर उनका साथ छोड़ दिया है। पठारे ने ट्विटर पर लिखा है, 'मैंने निजी कारणों से अन्ना हजारे के कार्यालय को छोड़ दिया है। मैं कुछ कारणों से अन्ना के साथ काम नहीं कर सकता। इसलिए मैंने अपना त्यागपत्र सौंप दिया है।
पर्यवेक्षकों द्वारा इसे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन पर अन्ना की लगातार कमजोर होती पकड़ के रूप में देखा जा रहा है। सुरेश पठारे ट्विटर के जरिए अन्ना के संदेशों से जनता तक पहुंचाते थे। हालांकि अन्ना के पूर्व ब्लॉगर राजू पारूलेकर का आरोप है कि पठारे ने इस्तीफा दिया नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्हें निकाला गया है। लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप पठारे के हटने की वजह उन पर लगने वाले भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपों को भी माना जा रहा है। पठारे पर अहमदनगर जिले के रेत माफिया से रिश्तों को लेकर आरोप लगे थे। इन आरोपों के चलते ग्रामसभा ने 22 जनवरी 2009 में सुरेश को सारे पदों से हटाने का आदेश दिया था और तत्कालीन कलेक्टर से पठारे के खिलाफ कारवाई करने की गुजारिश की थी। गिफ्ट में मिला था फोन भ्रष्टाचार विरोधी आदोलन के दौरान एक संस्था ने सुरेश पठारे को 35 हजार की कीमत का आइफोन भेंट किया था। आइफोन देने के पीछे की वजह सामने नहीं आ पाई है। पठारे के बर्ताव की वजह से अन्ना के ब्लॉग लिखने वाले राजू परूलेकर भी उनसे दूर हो गए थे। अन्ना की संस्था भ्रष्टाचार विरोधी न्यास के पदाधिकारियों से भी पठारे के संबंध बिगड़ गए थे। ये तमाम शिकायतें अन्ना तक पहुंच रही थीं। आरोपों की वजह से अन्ना पठारे को अपने से दूर कर चुके थे, लेकिन बाद में दोनों के बीच के समझौता हो गया और अन्ना ने सुरेश को वापस अपने पास बुला लिया।'
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