17/09/2012 डीजल के बढ़े दाम से रेलवे भी होगा बेहाल
नई दिल्ली डीजल की कीमत में पांच रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी का बड़ा असर रेलवे पर पड़ना वाला है। रेलवे को अब हर साल 1250 करोड़ रुपये ज्यादा खर्च करने होंगे। इससे आम आदमी की जेब कटेगी। ट्रांसपोर्टरों द्वारा भाड़ा बढ़ाने के फैसले के साथ ही रेलवे की तरफ से मालभाड़ा बढ़ाने की अटकलें शुरू हो गई हैं। अगर रेलवे मालभाड़ा बढ़ाता है तो खाद, लोहा और सीमेंट के दाम बढ़ना भी तय है। रेलवे बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, रेलवे में हर साल करीब ढाई सौ करोड़ लीटर डीजल की खपत होती है। सीधे तौर पर बात करें तो रेलवे को अब हर साल 1250 करोड़ रुपये अधिक खर्च करने होंगे। मोटे तौर पर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये रोज का खर्च बढ़ेगा। पहले से ही आर्थिक तंगी झेल रहे रेलवे के लिए यह बड़ा झटका होगा।
यहां यह भी ध्यान रखना जरूरी होगा कि रेलवे ने काफी लंबे समय से यात्री किराया नहीं बढ़ाया है। रेल बजट में यात्री भाड़ा बढ़ाने का प्रस्ताव करने वाले दिनेश त्रिवेदी को ममता बनर्जी के आदेश पर अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। फिलहाल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते होने वाले घाटे की भरपाई के बारे में रेलवे बोर्ड के अफसर कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। उनका मानना है कि सुपर रेलमंत्री ममता बनर्जी ऐसा कुछ नहीं होने देंगी जिससे आम आदमी पर असर पड़े। इसलिए रोजमर्रा की चीजों की ढुलाई दर बढ़ने की उम्मीद कम है। हालांकि, लोहा, सीमेंट, खाद और खनिजों की ढुलाई की दर बढ़ सकती है।
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