24/08/2012 2 जी घोटाले में चिदंबरम को राहत, सुब्रमण्यम स्वामी रिव्यू पिटिशन दाखिल करेंगे।--
आई एन एस - ! (प्रदीप महाजन ) एक लाख 76 हजार करोड़ के 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में चिदंबरम को सहआरोपी बनाने की सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका देश की शीर्ष अदालत में खारिज हो गई है।सुप्रीम कोर्ट ने वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ आपराधिक साजिश या वित्तीय फायदा हासिल करने के प्रथम दृष्टया कोई सबूत नहीं हैं। वही दूसरी तरफ सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा,'मैंने षड्यंत्र के बारे में नहीं, बल्कि देश को हुए नुकसान के बारे में कहा था।'
कोयला घोटाले में बीजेपी का वार झेल रही कांग्रेस ने चिदंबरम के खिलाफ याचिकाएं खारिज होने से कांग्रेस ने राहत की सांस ली है। पार्टी के प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि हम पहले से ही कह रहे थे कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। उनके मुताबिक विपक्ष और सुब्रमण्यम स्वामी दुष्प्रचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने कहा, 'चिदंबरम का 2जी मामले से कुछ भी लेना देना नहीं है। स्वामी हमेशा ही इस तरह की याचिकाएं दायर करते रहते हैं। उनकी याचिका का कोई आधार नहीं है। यदि उन्होंने कांग्रेस पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश की तो हम उनका कानूनी और राजनीतिक रूप से सामना करेंगे।' उन्होंने कहा कि यदि स्वामी उच्चतम न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर करते हैं तो वह भी खारिज हो जायेगी क्योंकि उनके पास कोई मामला नहीं है। जस्टिस जीएस सिंघवी और जस्टिस केएस राधाकृष्णन की बेंच ने कहा, 'पी. चिदंबरम के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता और सीबीआई अदालत के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका विचार करने योग्य नहीं है। इसलिए यह खारिज की जाती है।' स्वामी ने याचिका में अपील की थी कि चिदंबरम के खिलाफ जांच का निर्देश दिया जाए और उन्हें पूर्व संचार मंत्री ए राजा के साथ सह आरोपी बनाया जाए। बेंच ने उनके आग्रह को खारिज करते हुए कहा कि आपराधिक साजिश का मामला सिर्फ इस संदेह के आधार पर नहीं चलाया जा सकता कि फैसला लेने के लिए टेलिकॉम विभाग के अधिकारियों और दोनों विभागों के मंत्रियों...राजा तथा तत्कालीन वित्तमंत्री चिदंबरम के बीच बैठक हुई थी। कोर्ट ने कहा कि इस बारे में प्रथम दृष्टया कोई सामग्री नहीं है कि चिदंबरम ने कोई आर्थिक लाभ हासिल किया और न ही यह साबित करने के लिए रिकॉर्ड में कोई सामग्री है कि उन्होंने तत्त्कालीन वित्त मंत्री के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया। जजों ने कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन में घटिया प्रबंधन को आपराधिक साजिश का हिस्सा नहीं कहा जा सकता। यह दूसरी बार है जब चिदंबरम को न्यायिक राहत मिली है। इससे पहले सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने चिदंबरम को 2जी घोटाले में आरोपी बनाने से इनकार करते हुए कहा था कि वह मामले से संबंधित किसी आपराधिक साजिश में शामिल नहीं थे। जज ओपी सैनी ने अपने फैसले में कहा था कि 2008 में स्पेक्ट्रम आवंटन के समय वित्त मंत्री रहे चिदंबरम सिर्फ दो फैसलों, स्पेक्ट्रम के मूल्यों को 2001 के स्तर पर रखने तथा दो कंपनियों की ओर से हिस्सेदारी बेचने में शामिल थे। स्वामी ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि इस मामले के कई पहलुओं पर विशेष अदालत ने ध्यान नहीं दिया। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज किए जाने के बाद स्वामी ने कहा, 'मैं इस फैसले की समीक्षा के लिए अनुरोध करूंगा। यह एक खराब फैसला था। सर्वोच्च अदालत ने कभी भी मुझे अपनी पूरी बात रखने की अनुमति नहीं दी।' स्वामी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन मुद्दों पर अपना फैसला दिया जिन्हें उन्होंने कभी उठाया ही नहीं और देश को हुए भारी नुकसान के महत्वपूर्ण पहलू को छुआ नहीं गया। इस फैसले से कांग्रेस आलाकमान खुश है और और उसको व् सरकार को बड़ी रहत मिली है नहीं तो सदन में बीजेपी के हमलो से परेशान सरकार को कोयला घोटाला काण्ड में शर्मिन्दा होना पड़ रहा था
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