22/08/2012 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का बजट वर्ष 2005-06 में 4.34 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2012-13 में 22.34 करोड़ रुपये से अधिक कर दिया
चण्डीगढ़ । हरियाणा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का बजट वर्ष 2005-06 में 4.34 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2012-13 में 22.34 करोड़ रुपये से अधिक कर दिया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि विभाग ने प्रदेश में मूल विज्ञान को बढ़ावा देने तथा अधिक से अधिक मेधावी विद्यार्थियों को मूल विज्ञान विषयों का चयन करके इसे अपना कैरियर बनाने की ओर आकर्षित करने के लिए पीओएसई छात्रवृत्ति योजना, हरियाणा विज्ञान प्रतिभा खोज योजना और पीएच.डी विद्वानों के लिए फैलोशिप योजना चलाने जैसे अनेक कदम उठाए हैं।
उन्होंने बताया कि पीओएसई छात्रवृत्ति योजना के तहत विभाग बीएस.सी(हॉर्नस) विद्यार्थियों को 4,000 रुपये प्रतिमास तथा भौतिकी, रसायन शास्त्र, वनस्पति विज्ञान, प्राणी शास्त्र(जूलोजि)गणित और भू-विज्ञान जैसे मूल विज्ञान के एमएससी विद्यार्थियों को 6,000 रुपये की आकर्षक छात्रवृत्तियां प्रदान की जा रही है। उपरोक्त प्रत्येक कक्षाओं के टॉप रैंगिक 100-100 विद्यार्थियों को मैरिट के आधार पर छात्रवृत्तियों के लिए चुना जाता है। उन्होंने बताया कि हरियाणा विज्ञान प्रतिभा खोज योजना के तहत राष्टड्ढ्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (एनटीएसई)चरण-। और राष्टड्ढ्रीय मैरिट-कम-मीनज छात्रवृत्ति योजना (एनएमएमएस)की सामान्य परीक्षाओं की मिश्रित मैरिट सूची में टॉप 1000 विद्यार्थियों को 9वीं और 10वीं कक्षाओं के दौरान 500 रुपये प्रतिमास की दर से तथा 11वीं और 12वीं कक्षाओं के दौरान 1500 रुपये की दर से छात्रवृत्ति दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि फैलोशिप कार्यक्रम वर्ष में दो बार सीएसआईआर द्वारा संचालित राष्टड्ढ्रीय पात्रता परीक्षा पर आधारित होता है। पहले दो वर्षों के लिए 12,000 रुपये प्रतिमास और तीसरे वर्ष के लिए 14,000 रुपये प्रतिमास दिए जाते हैं, जिसकी अधिकतम अवधि पांच वर्ष तक होती है। इसके अतिरिक्त, विज्ञान विषयों के अनुसंधान अध्येताओं को 20,000 रुपये की राशि वार्षिक अनुदान के रूप में दी जाती हैं। वर्ष 2009-10 में शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक 39 विद्यार्थियों को फैलोशिप दी गई हैं।
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