20/08/2012 'हिन्दी आन्दोलन के बारे में रामदेव की जानकारी अधूरी'
देहरादून।। 'हिन्दी हितरक्षक समिति' के संस्थापक सदस्यों में से एक तथा उत्तराखंड सरकार के पूर्व विशेष कार्याधिकारी शिव शशांक चंद्रशेखर उपाध्याय ने दावा किया है कि योगगुरु बाबा रामदेव की देश में हिन्दी आंदोलन के बारे में जानकारी अधूरी है। उन्होंने कहा कि पूरी जानकारी के बाद ही इस मुद्दे को उठाना चाहिए और इसका राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
उपाध्याय ने बाबा रामदेव को लिखे एक पत्र में कहा है कि यह दुर्भाग्य है कि स्पष्ट रूप से करीब 30 उच्च विषयों में हिन्दी माध्यम से परीक्षा और पढ़ाई का आदेश हो जाने के बाद भी रामदेव के मंच से इन्ही विषयों के लिये हिन्दी माध्यम की मांग की जा रही है।
उन्होंने लिखा है कि इससे लगता है कि जिन लोगों ने अपने खून पसीने से उस समय आंदोलन चलाकर हिन्दी को एक मुकाम तक पहुंचाया था उनके इस आंदोलन की अनदेखी की जा रही है। उपाध्याय ने लिखा है कि बाबा रामदेव का विशेष दायित्व बनता है कि वह हिन्दी के बारे में जिन गुमनाम आंदोलनकारियों द्वारा पहले ही सफलता हासिल की जा चुकी है, उसके बारे में राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश के बजाय उनकी सफलता को और अधिक पुख्ता करें, ताकि देश में हिन्दी को और महत्व प्रदान किया जा सके।
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